भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपनी शानदार गेंदबाजी से एक और अहम रिकॉर्ड अपने नाम किया है। उन्होंने गाबा के मैदान पर खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 5 विकेट झटकते हुए एक अहम मील का पत्थर पार किया। बुमराह का इस सीरीज में गेंद से दबदबा स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है और उन्होंने अपनी टीम को कई मौकों पर मैच में वापसी दिलाई है।
बुमराह की इस अद्वितीय गेंदबाजी का सबसे बड़ा पहलू यह रहा कि उन्होंने गाबा में 5 विकेट लेकर न केवल मैच को अपनी टीम की तरफ मोड़ा, बल्कि एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। जसप्रीत बुमराह अब तक इस बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत के सबसे प्रभावी गेंदबाज रहे हैं और उनके प्रदर्शन ने विरोधी टीमों को परेशान कर दिया है।
कपिल देव का रिकॉर्ड तोड़ा
जसप्रीत बुमराह ने गाबा टेस्ट के दौरान अपनी बेमिसाल गेंदबाजी के साथ भारतीय क्रिकेट इतिहास के महान तेज गेंदबाज कपिल देव का एक बड़ा रिकॉर्ड तोड़ा। बुमराह ने SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में अपने टेस्ट करियर के दौरान 8वीं बार एक पारी में 5 विकेट हासिल किए हैं। इससे पहले यह रिकॉर्ड कपिल देव के नाम था, जिन्होंने इन देशों में कुल 7 बार टेस्ट मैच की एक पारी में 5 विकेट झटके थे।
बुमराह का यह रिकॉर्ड इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने यह उपलब्धि सिर्फ एक टेस्ट सीरीज में ही नहीं, बल्कि अपने पूरे करियर में SENA देशों के खिलाफ हासिल की है, जो किसी भी गेंदबाज के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जाती है। बुमराह की गेंदबाजी की सटीकता, गति और विविधता ने उन्हें दुनिया भर में एक बेहतरीन तेज गेंदबाज के रूप में स्थापित किया है।
एशियाई गेंदबाजों में इमरान खान के बराबरी
बुमराह ने इस रिकॉर्ड के साथ एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। वह एशियाई गेंदबाजों में इमरान खान के बराबरी पर आ गए हैं, जिन्होंने SENA देशों में 8 बार एक पारी में 5 विकेट हासिल किए थे। इमरान खान, पाकिस्तान के पूर्व महान कप्तान और तेज गेंदबाज, को टेस्ट क्रिकेट में उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए हमेशा याद किया जाएगा। बुमराह का इमरान खान के साथ यह रिकॉर्ड साझा करना उनके करियर का एक महत्वपूर्ण क्षण है।
राहुल की गैरमौजूदगी में कप्तानी और बुमराह का प्रदर्शन
बुमराह की काबिलियत केवल गेंदबाजी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने पर्थ टेस्ट में रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में कप्तानी का भी सफलतापूर्वक निर्वहन किया। कप्तान के रूप में बुमराह ने न केवल अपनी कप्तानी की जिम्मेदारी निभाई, बल्कि अपनी गेंदबाजी से टीम इंडिया को शानदार जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पर्थ में हराया और बुमराह ने इस मैच में भी अपनी गेंदबाजी के जौहर दिखाए थे।
आगे का रास्ता
जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन क्रिकेट जगत में एक मिसाल के रूप में उभर रहा है। उनके लिए SENA देशों में गेंदबाजी करना किसी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन वह बार-बार यह साबित कर रहे हैं कि वह एक विश्व स्तरीय तेज गेंदबाज हैं। आने वाले मैचों में बुमराह से यही उम्मीदें होंगी कि वह भारतीय टीम को जीत दिलाने के लिए अपनी शानदार गेंदबाजी जारी रखें, और साथ ही और भी रिकॉर्ड्स अपने नाम करें। उनके इस प्रदर्शन ने भारतीय क्रिकेट के लिए एक नई उम्मीद और प्रेरणा का स्रोत बना दिया है।