दिल्ली विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने राजधानी में महिलाओं के समर्थन को मजबूत करने के लिए महिला अदालत का आयोजन किया है। इस कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के शामिल होने की उम्मीद है।
‘आप’ ने दिल्ली की महिलाओं को अपने पक्ष में लाने के लिए कई योजनाओं और प्रयासों की शुरुआत की है। महिला अदालत के जरिए पार्टी महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा करने और उनसे संवाद स्थापित करने की कोशिश करेगी।
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महिलाओं पर फोकस: ‘आप’ की रणनीति
आम आदमी पार्टी ने चुनावी रणनीति के तहत महिला वोटर्स पर ध्यान केंद्रित किया है। महिला अदालत के आयोजन के साथ, पार्टी का उद्देश्य महिलाओं के मुद्दों पर जोर देना और उन्हें समर्थन देने के लिए प्रेरित करना है। इस दौरान अरविंद केजरीवाल महिलाओं को ‘आप’ के पक्ष में वोट देने की अपील करेंगे।
पार्टी ने कुछ दिन पहले ही ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’ शुरू करने की घोषणा की थी। इस योजना के तहत:
1. 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहायता दी जाएगी।
2. शुरुआती चरण में ₹1,000 और बाद में ₹2,100 तक की राशि महिलाओं के खाते में दी जाएगी।
यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनका आर्थिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है।
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महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर ‘आप’ का फोकस
महिला अदालत के दौरान दिल्ली की बिगड़ती कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा के मुद्दे उठाए जाएंगे। आम आदमी पार्टी, भाजपा शासित केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह दावा कर रही है कि दिल्ली की सुरक्षा स्थिति चिंताजनक है।
हाल ही में, मुख्यमंत्री आतिशी और अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर चिंता जाहिर की थी। आतिशी ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राजधानी में अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी प्रवासियों को बसाकर दिल्लीवासियों के लिए खतरा पैदा कर रही है।
उन्होंने कहा कि ये अवैध प्रवासी:
1. कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी कर सकते हैं।
2. दिल्ली के स्थानीय लोगों की नौकरियां छीन सकते हैं।
3. राजधानी के सीमित संसाधनों पर बोझ डाल सकते हैं।
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भाजपा को घेरने की कोशिश
आम आदमी पार्टी आगामी फरवरी 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा पर लगातार हमलावर है।
1. कानून-व्यवस्था: ‘आप’ ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि उसने दिल्ली पुलिस के जरिए महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफलता दिखाई है।
2. रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुद्दा: भाजपा पर अवैध प्रवासियों को संरक्षण देने का आरोप लगाकर ‘आप’ ने इसे दिल्लीवासियों के लिए सुरक्षा और रोजगार का बड़ा खतरा बताया।
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महिलाओं को लेकर ‘आप’ की प्राथमिकताएं
1. फ्री बस सेवा: दिल्ली सरकार की फ्री बस सेवा योजना के तहत महिलाओं को निशुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है।
2. शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं: महिलाओं और उनके परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं प्रदान करने पर जोर दिया जा रहा है।
3. आर्थिक सशक्तिकरण: मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना जैसे कदम महिलाओं के आर्थिक उत्थान की दिशा में उठाए गए हैं।
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सियासी विश्लेषण
महिला वोटर्स पर फोकस करना आम आदमी पार्टी की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण के मुद्दे उठाकर पार्टी न केवल भाजपा को घेरना चाहती है, बल्कि महिलाओं के समर्थन से अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है।
वहीं, भाजपा इस मुद्दे पर पलटवार करते हुए आम आदमी पार्टी की नीतियों और वादों को चुनावी स्टंट बता सकती है।
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महिला अदालत का आयोजन आगामी चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी का महिला मतदाताओं के साथ सीधा संवाद स्थापित करने का प्रयास है। ‘आप’ ने महिला सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण को अपने एजेंडे में प्राथमिकता दी है, लेकिन इसे किस हद तक सफलता मिलेगी, यह आगामी चुनावों के परिणाम से तय होगा।