Bangladesh में पूर्व PM शेख हसीना को सत्ता से हटाने के बाद भी हिंसा नहीं रुक रही है। अंतरिम सरकार के गठन के बाद, प्रदर्शनकारियों ने कल बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन को अल्टीमेटम दिया, जिसके बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा। वहां हिंदुओं के खिलाफ हिंसा अब भी जारी है।
बांग्लादेश (Bangladesh News) में हिंसक प्रदर्शनों के कारण कई हिंदुओं की मौत हो गई है। पड़ोसी देश में शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद, एक अंतरिम सरकार का गठन भी किया गया है। इसके बावजूद, हिंसा की स्थिति ऐसी है कि भीड़ ने कल बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन को अल्टीमेटम दिया, जिसके बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा।
चुनाव पर कोई निर्णय नहीं
बांग्लादेश में अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि वहां चुनाव कब होंगे, लेकिन यह निश्चित है कि देश की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक, खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्य न्यायाधीश के फैसलों से लोग थे नाराज़
टीवी चैनल एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में, BNP के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि छात्र प्रदर्शनों के कारण मुख्य न्यायाधीश (Bangladesh Chief Justice) को अपना पद छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश को शेख हसीना सरकार के करीब माना जाता था और कहा जाता था कि वह उनके पक्ष में ही फैसले देते हैं।
कुछ लोगों ने हिंदुओं को बनाया निशाना
BNP नेता ने कहा कि देश में हिंदुओं पर हुए हमले स्थिति का फायदा उठाने वाले कुछ लोगों का परिणाम हैं और उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह किसी “सुनियोजित एजेंडा” का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि जब भी किसी देश में कोई बदलाव होता है, तो कुछ लोग इसका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।
बांग्लादेश में भी, दुर्भाग्य से हर क्रांति के साथ, सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाया जाता है, चाहे वे मुस्लिम हों या हिंदू। उन्होंने स्वीकार किया कि अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं, लेकिन इसे राजनीतिक या सुनियोजित एजेंडा नहीं कहा।
भारत-बांग्लादेश संबंधों में होगा सुधार
आलमगीर ने आगे कहा कि अगर जिया चुनावों में योग्य होती हैं, तो वह BNP का नेतृत्व करेंगी और अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो वह भारत-बांग्लादेश संबंधों में सुधार करने का काम करेगी।