
पंजाब में हाल ही में हुए पावर ट्रांसफर को लेकर सियासत गर्मा गई है। विपक्षी पार्टियां, खासकर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, लगातार मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साध रहे हैं। लेकिन अब आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर खुलकर जवाब दिया है। पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने मीडिया से बात करते हुए विरोधियों को जमकर घेरा और सुखबीर बादल पर तीखा हमला बोला।
हरजोत बैंस ने कहा कि सुखबीर बादल जैसे लोग, जिन्होंने पंजाब के सारे हक अपने होटल, फार्महाउस और निजी संपत्तियों के लिए बेचे हैं, वो आज आम आदमी पार्टी की सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार दिन-रात पंजाब, पंजाबी और पंजाबी संस्कृति के लिए मेहनत कर रही है। हमारा सपना है कि पंजाब को फिर से खुशहाल और समृद्ध बनाया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा लिए गए पावर ट्रांसफर के फैसले का मकसद सिर्फ और सिर्फ विकास को तेज़ करना और सिस्टम को अधिक प्रभावी बनाना है। पूरे देश में पहले से यह मॉडल लागू है, जहां स्थानीय विकास अथॉरिटी के चेयरमैन चीफ सेक्रेटरी होते हैं। अब यही मॉडल पंजाब में भी लागू किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई हालिया कैबिनेट बैठक में “पंजाब रीजनल एंड अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट” की धारा 29 (3) में संशोधन किया गया। इसके तहत अब प्रदेश के सभी स्थानीय विकास बोर्डों के चेयरमैन की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की बजाय राज्य के मुख्य सचिव (Chief Secretary) को दी गई है।
पहले इन अथॉरिटीज़ के चेयरमैन खुद मुख्यमंत्री होते थे, लेकिन अब इस बदलाव के साथ विकास कार्यों को ज्यादा फुर्ती से किया जा सकेगा। इस बदलाव के बाद विपक्षी पार्टियों ने इसे पावर ट्रांसफर करार देते हुए सरकार की आलोचना शुरू कर दी थी।
हरजोत बैंस का तीखा पलटवार
हरजोत बैंस ने कहा कि विपक्ष सिर्फ लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री के बिना इस राज्य में पत्ता भी नहीं हिल सकता। भगवंत मान हमारे मुख्यमंत्री हैं और हर पंजाबी के दिल में बसते हैं। सुखबीर बादल को कोई हक नहीं कि वो इस सरकार पर सवाल उठाएं।”
उन्होंने आगे कहा कि सुखबीर बादल को ना कभी पंजाब की फिक्र थी, ना है और ना ही कभी होगी। वो सिर्फ अपने निजी फायदे के लिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं। बैंस ने चुनौती दी कि वो पूरे देश में कोई एक ऐसा राज्य दिखाएं, जहां स्थानीय विकास अथॉरिटी का चेयरमैन मुख्यमंत्री होता है।
पंजाब सरकार का कहना है कि पावर ट्रांसफर का फैसला पूरी तरह प्रशासनिक और विकास केंद्रित है। इससे राज्य में निवेश बढ़ेगा और काम की रफ्तार तेज़ होगी। जबकि विपक्ष इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर आगे सियासत किस दिशा में जाती है, लेकिन फिलहाल आम आदमी पार्टी ने विरोधियों को खुला और करारा जवाब देकर अपना पक्ष साफ कर दिया है।