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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा। सत्ता से बाहर होने के बाद पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने 9 फरवरी को अपने निवास पर 22 नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक की। इस बैठक में चुनावी हार के कारणों पर चर्चा हुई और आगे की रणनीति तय की गई। केजरीवाल ने विधायकों से जनता के बीच रहने और उनकी समस्याओं को हल करने पर ध्यान देने को कहा।
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रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी AAP
बैठक के बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि आम आदमी पार्टी अब एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी इस बात को सुनिश्चित करेगी कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने चुनावी वादों को पूरा करे। उन्होंने विशेष रूप से तीन वादों का जिक्र किया:
1. महिलाओं को 2,500 रुपये प्रति माह भत्ता (8 मार्च तक)
2. हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली
3. पिछले 10 वर्षों में AAP सरकार द्वारा दी गई मुफ्त सुविधाओं को जारी रखना
आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायक इस बात पर नजर रखेंगे कि बीजेपी सरकार जनता से किए गए वादों को निभाए या नहीं। आने वाले दिनों में विधायक दल की बैठक में विपक्ष के नेता का नाम तय किया जाएगा।
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हार के पीछे चुनावी मशीनरी का दुरुपयोग – मनीष सिसोदिया
AAP नेता मनीष सिसोदिया ने भी अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि चुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों ने पूरी मेहनत की, लेकिन चुनाव के दौरान संविधान की धज्जियां उड़ाई गईं।
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि:
चुनाव के दौरान खुलेआम पैसे बांटे गए।
चुनावी मशीनरी (Election Machinery) का गलत इस्तेमाल किया गया।
लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की गई।
सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का हौसला बढ़ाया है। उन्होंने सभी नवनिर्वाचित विधायकों को निर्देश दिया है कि वे जनता के बीच रहें और उनकी सेवा करें।
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आगे की रणनीति – जनता के मुद्दों पर रहेगा फोकस
AAP अब विपक्ष में रहते हुए दिल्ली की जनता के मुद्दों को उठाने का काम करेगी। पार्टी के नेता यह सुनिश्चित करेंगे कि नई सरकार आम आदमी की समस्याओं को हल करे और मुफ्त सुविधाओं को बंद न करे।
आतिशी ने कहा कि AAP के विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर जनता से जुड़ेंगे और यह देखेंगे कि नई सरकार जनता की भलाई के लिए काम कर रही है या नहीं। यदि बीजेपी सरकार अपने वादों को पूरा करने में असफल रहती है, तो आम आदमी पार्टी इसे लेकर आवाज उठाएगी।
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AAP के लिए यह हार क्यों महत्वपूर्ण है?
2013 से दिल्ली की राजनीति में AAP का दबदबा रहा है। 2015 और 2020 के चुनावों में पार्टी को भारी बहुमत मिला था, लेकिन 2025 में मिली हार ने पार्टी के लिए एक बड़ा झटका साबित किया है। अब पार्टी के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं:
1. विधानसभा में प्रभावी विपक्ष की भूमिका निभाना
2. जनता का विश्वास दोबारा जीतने के लिए मेहनत करना
AAP अब अपनी रणनीति पर दोबारा काम कर रही है और इस हार से सबक लेकर भविष्य की राजनीति की तैयारी कर रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में हार के बाद आम आदमी पार्टी ने एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें आगे की रणनीति तय की गई। पार्टी अब विपक्ष में रहते हुए बीजेपी सरकार की नीतियों पर नजर रखेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि जनता को दी गई सुविधाएं जारी रहें। AAP के नेताओं ने चुनावी धांधली का आरोप लगाया और कहा कि वे जनता की सेवा करते रहेंगे। अब देखना यह होगा कि आम आदमी पार्टी आने वाले समय में दिल्ली की राजनीति में अपनी पकड़ कितनी मजबूत रख पाती है।