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दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक बड़ा झटका दिया है। पार्टी ने बीजेपी के दिल्ली मंदिर प्रकोष्ठ यूनिट में सेंध लगाते हुए एक सैकड़ा से ज्यादा धर्मगुरुओं और सदस्याओं को अपनी पार्टी में शामिल किया है। इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को इन धर्मगुरुओं को आम आदमी पार्टी की सदस्यता दिलवाई और भगवा गमछा पहनाकर उनका स्वागत किया।
आम आदमी पार्टी ने इसके साथ ही एक अहम घोषणा की है। पार्टी ने ऐलान किया कि वह अपनी नई समिति ‘सनातन सेवा समिति’ का शुभारंभ करेगी, जिसका उद्देश्य हिंदू धर्म और उससे जुड़े धार्मिक कार्यों के लिए विशेष रूप से काम करना है। यह समिति खासतौर पर पुजारियों और संतों के कल्याण के लिए काम करेगी और उन्हें एक मंच प्रदान करेगी। केजरीवाल ने इस अवसर पर कहा कि उनकी पार्टी पूरी दिल्ली में फैले पुजारियों और धर्मगुरुओं के आशीर्वाद और समर्थन से उत्साहित है और इस दिशा में वे एक ठोस कदम उठाने जा रहे हैं।
इस महत्वपूर्ण मौके पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने बताया कि बुधवार को बीजेपी के मंदिर प्रकोष्ठ के 100 से ज्यादा सदस्य AAP में शामिल हुए हैं। इन सदस्यों में विजय शर्मा, जितेंद्र शर्मा, आचार्य बृजेश शर्मा, मनीष गुप्ता, दुष्यंत शर्मा, उदयकांत झा, वीरेंद्र, सोहनदास, श्रवण दास जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। सभी इन धर्मगुरुओं को अब ‘सनातन सेवा समिति’ में शामिल किया जाएगा, जो एक नया अध्याय शुरू करने जा रही है।
अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा, “सनातन धर्म से जुड़ा कार्य बहुत महत्वपूर्ण है। पुजारी और संत 24 घंटे लोगों और भगवान के बीच सेतु का काम करते हैं। उन्हें हर सम्मान और समर्थन मिलना चाहिए। हमें इस सेवा का मौका मिला है, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है।” उन्होंने कहा कि बीजेपी के मंदिर प्रकोष्ठ से जुड़े कई सदस्य इस समय AAP का हिस्सा बन रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि आम आदमी पार्टी ने हमेशा जो कहा है, उसे पूरा किया है। जबकि बीजेपी ने अपने वादों को पूरा नहीं किया है।
आम आदमी पार्टी ने यह भी घोषणा की है कि अगर वह दिल्ली चुनाव जीतती है तो पार्टी की सरकार पुजारियों और ग्रंथियों को हर महीने 18 हजार रुपए का वेतन देगी। इसके साथ ही, पार्टी ने यह भी कहा कि संतों के दिशा-निर्देशन के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी, जो धार्मिक कार्यों में उनकी भूमिका को सम्मान देने का काम करेगी।
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा, “हमें बताया गया था कि बीजेपी ने मंदिर प्रकोष्ठ के माध्यम से पुजारियों और संतों से कई वादे किए थे, लेकिन वो वादे कभी पूरे नहीं किए गए। जबकि आम आदमी पार्टी ने हमेशा अपनी बात को सच किया है, भले ही उसे घोषणाएं करने में थोड़ा वक्त लग जाए, लेकिन एक बार जब हम कोई बात कहते हैं, तो उसे पूरा जरूर करते हैं।”
केजरीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव के बाद जब उनकी पार्टी सरकार में आएगी तो पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना को लागू किया जाएगा, ताकि संतों और धार्मिक कार्यकर्ताओं के योगदान को सही सम्मान मिल सके। उनका मानना है कि सनातन धर्म से जुड़ी समस्याओं को हल करना और पुजारियों की मदद करना पार्टी का एक महत्वपूर्ण कार्य होगा।
आखिरकार, यह दिखता है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के चुनावी मैदान में धार्मिक मुद्दों को अपनी रणनीति का हिस्सा बनाते हुए BJP से एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। पार्टी के इस कदम से यह भी स्पष्ट होता है कि AAP अपने वोट बैंक को और मजबूत करने के लिए धार्मिक समुदाय को विशेष महत्व दे रही है।