दिल्ली सरकार ने शतरंज की अंतरराष्ट्रीय चैंपियन तानिया सचदेव को 45वें शतरंज ओलंपियाड 2024 में स्वर्ण पदक जीतने के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। शनिवार को नेहरू एनक्लेव स्थित सर्वोदय कन्या विद्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री आतिशी ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। इस कार्यक्रम के दौरान तानिया ने स्कूल के छात्रों के साथ शतरंज खेला और उन्हें प्रेरित करने के लिए अपने अनुभव साझा किए।
मुख्यमंत्री आतिशी ने तानिया के सम्मान में कहा कि वह देश और खासकर दिल्ली के युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं। उन्होंने तानिया की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा, “जब हम किसी क्षेत्र में शुरुआत करते हैं, तो हमें रोल मॉडल्स की जरूरत होती है। तानिया सचदेव ने 45वें शतरंज ओलंपियाड में गोल्ड मेडल जीतकर यह साबित कर दिया है कि अगर जुनून और मेहनत हो, तो कोई भी शिखर हासिल किया जा सकता है। उनका जीवन दिल्ली के युवाओं, विशेषकर लड़कियों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।”
तानिया सचदेव की उपलब्धियां
तानिया सचदेव भारतीय शतरंज जगत की प्रमुख हस्ती हैं। उन्होंने 2006 और 2007 में भारतीय महिला शतरंज चैंपियनशिप जीती। 2007 में उन्होंने एशियाई महिला शतरंज चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। 2015 में एशियाई कॉन्टिनेंटल महिला रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। इसके अलावा, तानिया ने 2016, 2018 और 2019 में कॉमनवेल्थ महिला शतरंज चैंपियनशिप में तीन बार खिताब जीता।
सितंबर 2024 में तानिया ने बुडापेस्ट, हंगरी में आयोजित 45वें शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए महिला श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता। यह भारत का शतरंज ओलंपियाड में पहला स्वर्ण पदक था। तानिया के इस अभूतपूर्व योगदान ने न केवल भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया, बल्कि उन्हें युवा शतरंज खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बना दिया।
शतरंज को बढ़ावा देने के प्रयास
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार खेल और शतरंज को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 2,000 से अधिक छात्रों ने शतरंज प्रतियोगिताओं में भाग लिया है, और 65 छात्रों को छत्रसाल स्टेडियम में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। सरकार ने ‘कैश इंसेंटिव’ और ‘मिशन एक्सीलेंस’ जैसी योजनाओं के तहत 98 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
आतिशी ने कहा, “शतरंज एक ऐसा खेल है, जो दिमाग को जिम की तरह विकसित करता है। यह न केवल शतरंज के खिलाड़ियों को, बल्कि डॉक्टर, इंजीनियर, वकील जैसे अन्य पेशेवरों को भी योजना बनाने और निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने में मदद करता है। हमारा उद्देश्य शतरंज के माध्यम से छात्रों में यह कौशल विकसित करना है।”
तानिया का छात्रों को संदेश
तानिया सचदेव ने छात्रों से बातचीत करते हुए कहा कि शतरंज खेलने से मेमोरी और टाइम मैनेजमेंट बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि एकाग्रता शतरंज का सबसे अहम हिस्सा है, और यह न केवल खेल में, बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी मदद करता है। तानिया ने बताया कि दिल्ली सरकार ने हमेशा खिलाड़ियों का समर्थन किया है, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता है।
उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, “आज मैं यहां बच्चों के साथ शतरंज खेलकर और उन्हें अपने अनुभव साझा कर बहुत गर्व महसूस कर रही हूं। मुझे विश्वास है कि ये बच्चे भविष्य में बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे और देश के लिए पदक जीतेंगे।”
सरकार और तानिया का सहयोग
मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि तानिया ने दिल्ली सरकार के साथ शतरंज को बढ़ावा देने के लिए कई उपयोगी सुझाव दिए हैं। उन्होंने लिखा, “तानिया ने दिखाया है कि शतरंज एक ऐसा खेल है, जो सस्ता होने के साथ-साथ सांस्कृतिक बाधाओं को भी तोड़ सकता है। हम उनके साथ मिलकर काम करने और दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चों के बीच शतरंज को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हैं।”
तानिया सचदेव का दिल्ली के सर्वोदय कन्या विद्यालय में आगमन छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक क्षण रहा। यह कार्यक्रम न केवल शतरंज के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे खेल शिक्षा और जीवन कौशल को बढ़ावा देने का माध्यम बन सकता है। तानिया ने अपने प्रदर्शन और अनुभवों से यह साबित कर दिया है कि मेहनत और समर्पण से हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।