पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (आप) के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें चंडीगढ़ में हरियाणा विधान सभा परिसर स्थापित करने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध दर्ज कराया गया। इस प्रतिनिधिमंडल में मंत्री हरजोत बैंस, आप नेता दीपक बाली और परमिंदर सिंह गोल्डी भी शामिल थे।
गवर्नर हाउस के बाहर आयोजित एक प्रेस वार्ता में मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “यह मामला पंजाब के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी है और पूरी तरह से यह राज्य का हिस्सा है। हम हरियाणा विधानसभा के निर्माण के लिए चंडीगढ़ में जमीन आवंटित करने के फैसले का दृढ़तापूर्वक विरोध करते हैं।”
हरपाल चीमा ने कहा कि चंडीगढ़ पर सिर्फ पंजाब का अधिकार है। उन्होंने कहा, “चंडीगढ़ का एक इंच भी जमीन हरियाणा को नहीं दिया जाना चाहिए। हरियाणा सरकार ने पंचकुला में 12 एकड़ जमीन के बदले चंडीगढ़ में 10 एकड़ जमीन की मांग की है, जो चंडीगढ़ में अपना विधानसभा परिसर स्थापित करने के उनके एजेंडे का हिस्सा है। यह प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं है।”
उन्होंने याद दिलाया कि 1966 में पंजाब और हरियाणा के विभाजन के समय यह स्पष्ट था कि चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी बनी रहेगी और हरियाणा अपनी राजधानी पंचकुला में स्थापित करेगा। चीमा ने कहा, “पिछली सरकारें चंडीगढ़ के संबंध में पंजाब के हितों की रक्षा करने में विफल रही हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पंजाब के अधिकारों का अब और हनन न हो।”
चीमा ने यह भी कहा कि चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा बनाने का प्रयास, पंजाब के ऐतिहासिक और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, “चंडीगढ़, जिसे पंजाब के बलिदानों और संघर्षों का प्रतीक माना जाता है, पर सिर्फ पंजाब का हक है। किसी अन्य राज्य को यहां अपनी विधानसभा बनाने का अधिकार नहीं है।”
इस मौके पर चीमा ने हरियाणा सरकार को सुझाव दिया कि वह अपनी विधानसभा पंचकुला में बनाए। उन्होंने कहा, “हरियाणा सरकार को अपनी जरूरतों के लिए पंचकुला में ही विधानसभा परिसर का निर्माण करना चाहिए, न कि चंडीगढ़ में।” चीमा ने जोर देकर कहा कि पंजाब सरकार चंडीगढ़ के अधिकार के लिए पूरी मजबूती से लड़ेगी और पीछे नहीं हटेगी।
मंत्री हरजोत बैंस ने भी इस मामले पर अपनी राय रखते हुए कहा कि पंजाब के हितों की रक्षा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “हम पंजाब के हकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि चंडीगढ़ पंजाब का अभिन्न हिस्सा बना रहे।”
आप नेता दीपक बाली ने कहा कि यह ज्ञापन आप पार्टी की दृढ़ता को दर्शाता है कि चंडीगढ़ को हरियाणा के लिए जमीन आवंटित करना अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, “हम चंडीगढ़ में किसी भी तरह की जमीन हरियाणा को देने के खिलाफ हैं।” पार्टी ने स्पष्ट किया कि वे इस मुद्दे को पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ाएंगे और पंजाब की आवाज को जोर-शोर से उठाएंगे।
पंजाब के लोग, जिनके लिए चंडीगढ़ सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि उनकी पहचान और अधिकारों का प्रतीक है, उनके समर्थन में आप ने यह कदम उठाया है। आप सरकार ने जनता को भरोसा दिलाया है कि वे इस लड़ाई में उनके साथ खड़े रहेंगे।
ज्ञापन सौंपने के बाद, हरपाल चीमा ने कहा, “हम किसी भी स्थिति में चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार कमजोर नहीं होने देंगे। पंजाब एक ऐसा राज्य है जो देश के लिए अपने बलिदानों के लिए जाना जाता है। अब समय आ गया है कि हम अपने हक की रक्षा के लिए एकजुट होकर खड़े हों।”