
पंजाब में पिछले दो दिनों से पड़ रही भयंकर गर्मी और लू से लोग बुरी तरह परेशान हैं। हालत यह है कि अमृतसर जैसे शहरों में पारा 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मौसम विभाग ने 9 और 10 जून के लिए हीट वेव को लेकर येलो अलर्ट जारी कर दिया है।
अगले कुछ दिन और मुश्किल
मौसम विशेषज्ञ शशांक वर्मा का कहना है कि आने वाले सोमवार और मंगलवार को तापमान 1 से 2 डिग्री और बढ़ सकता है। यानी राहत की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं है। दिन के समय तेज धूप और गर्म हवाएं लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही हैं।
प्रशासन की चेतावनी
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे दोपहर 12 से 3 बजे के बीच घरों से बाहर ना निकलें। अगर बहुत ज़रूरी हो तभी घर से निकलें और पूरी सावधानी बरतें। गर्मी के चलते डिहाइड्रेशन और लू लगने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
सड़कें सुनसान, कारोबार प्रभावित
तेज़ गर्मी का असर न केवल आम जनजीवन पर पड़ा है बल्कि कारोबार भी प्रभावित हो रहा है। अमृतसर की सड़कें और बाज़ार दोपहर के समय लगभग खाली दिखते हैं। पहले जो सड़कें ट्रैफिक से भरी होती थीं, वहां अब सन्नाटा है।
पर्यटक भी परेशान
गर्मी का असर शहर में घूमने आने वाले पर्यटकों पर भी देखा गया है। हेरिटेज स्ट्रीट जैसे लोकप्रिय स्थानों पर दोपहर के समय बहुत कम लोग दिखाई दे रहे हैं। महिलाएं खुद को धूप से बचाने के लिए छतरियों का सहारा ले रही हैं।
AC भी हो रहे फेल
गाड़ियों में लगे एयर कंडीशनर भी इस भीषण गर्मी में काम नहीं कर पा रहे हैं। लोगों को डर है कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में हालात और खराब हो सकते हैं।
डॉक्टरों की सलाह
डॉक्टरों के अनुसार लू लगने से शरीर में थकावट, सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टी, त्वचा का लाल और सूखा होना जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। इससे बचने के लिए लोगों को हल्के और ढीले कपड़े पहनने, धूप में बाहर ना निकलने और अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन
स्वास्थ्य विभाग ने भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सिविल सर्जन डॉ. सुमित का कहना है कि लोगों को लस्सी, नींबू पानी, तरबूज, खीरा जैसे तरल पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए। छोटे बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। आंखों की सुरक्षा के लिए धूप वाले चश्मे भी पहनने की सलाह दी गई है।
ग्लोबल वॉर्मिंग भी है वजह
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस सबकी जड़ में ग्लोबल वॉर्मिंग है। पेड़ काटे जा रहे हैं और जंगल खत्म हो रहे हैं जिससे मौसम का संतुलन बिगड़ गया है। अगर समय रहते लोग पेड़ नहीं लगाएंगे तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
गर्मी के कारण लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं और जो बाहर निकल रहे हैं उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रशासन की सलाह मानना और सावधानी बरतना ही समझदारी है।