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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की राजनीति में इस समय बड़ा बवाल मचा हुआ है। आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए दावा किया कि बीजेपी उनके विधायकों को 15 करोड़ रुपये का ऑफर दे रही है। इन आरोपों के बाद अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
एलजी के आदेश पर ACB की टीम एक्टिव
दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वी.के. सक्सेना ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उनके निर्देश के बाद ACB ने कुल तीन टीमें बनाई हैं, जो अलग-अलग नेताओं से पूछताछ कर रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ACB की एक टीम अरविंद केजरीवाल के घर पहुंच चुकी है, जबकि AAP सांसद संजय सिंह का बयान ACB दफ्तर में दर्ज किया जा रहा है।
बीजेपी की मांग पर शुरू हुई जांच
बीजेपी नेता और दिल्ली बीजेपी महासचिव विष्णु मित्तल ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर मांग की थी कि अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह द्वारा लगाए गए इस गंभीर आरोप की गहराई से जांच होनी चाहिए। उन्होंने ACB और अन्य जांच एजेंसियों को निर्देश देने की अपील की थी कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
AAP का पलटवार: ‘हम खुद ACB दफ्तर जा रहे’
इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए AAP नेता संजय सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “हम शिकायत करने के लिए खुद ACB दफ्तर जा रहे हैं, लेकिन बीजेपी सिर्फ ड्रामा कर रही है।” संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उन्हें एक फोन कॉल आया था, जिसमें उन्हें 15 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया। उन्होंने उस फोन नंबर को भी सार्वजनिक कर दिया और कहा कि “अब और किस तरह का सबूत चाहिए? अगर ACB कार्रवाई करेगी, तो हम और भी सबूत पेश करने को तैयार हैं।”
AAP ने उठाए जांच पर सवाल
संजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये मामला उजागर किया, तब ACB ने तुरंत एक्शन क्यों नहीं लिया? उन्होंने कहा कि अब तक 16 से ज्यादा विधायकों को बीजेपी की तरफ से संपर्क किया गया है और उन्होंने इनमें से एक का नंबर भी जारी कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि “क्या ACB सिर्फ बीजेपी की शिकायत का इंतजार कर रही थी?”
क्या होगा अगला कदम?
यह मामला अब और ज्यादा तूल पकड़ चुका है। ACB ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन अगर AAP के दावों में सच्चाई मिलती है, तो बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं, अगर यह आरोप गलत साबित होते हैं, तो AAP को बैकफुट पर आना पड़ सकता है। अब देखना होगा कि जांच में क्या सामने आता है और दिल्ली की राजनीति किस ओर मुड़ती है।