पटना मेट्रो निर्माणाधीन टनल में हादसा: मजदूर की मौत, दो घायल
बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो के निर्माणाधीन टनल में एक बड़ा हादसा हुआ है, जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह घटना अशोक राजपथ पर स्थित एनआईटी मोड़ के पास रात 10 बजे के आसपास हुई, जहां मेट्रो सुरंग का निर्माण कार्य चल रहा था।
हादसे का विवरण
हादसे के समय टनल में लगभग 25 मजदूर काम कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सभी मजदूर ओडिशा के निवासी हैं। घटनास्थल पर काम कर रहे मजदूरों ने पटना मेट्रो प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मजदूरों का कहना है कि वे 12-12 घंटे तक लगातार काम करते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य का कोई ध्यान नहीं रखा जाता।
बचाव कार्य
हादसे के बाद, स्थानीय पुलिस और बचाव टीम मौके पर पहुंची और तुरंत राहत कार्य शुरू किया। दो घायल मजदूरों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया और उन्हें पीएमसीएच (पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) में भर्ती कराया गया है। डीएम पटना ने बताया कि कुल आठ मजदूर टनल में फंसे थे, जिनमें से पांच को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। जबकि अन्य की स्थिति के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
जांच और प्रतिक्रिया
पटना मेट्रो की जनसंपर्क अधिकारी मोनिशा दुबे ने कहा कि यह एक गंभीर घटना है और हमारी प्राथमिकता घायलों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। उन्होंने यह भी बताया कि एक मजदूर की मौत हुई है, जबकि अन्य दो घायल हैं। हादसे की जांच के लिए एक टीम गठित की गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
मजदूरों की शिकायत
इस घटना के बाद, मजदूरों ने अपनी चिंताओं को साझा किया। उनका कहना है कि निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता, जिससे ऐसे हादसे होना स्वाभाविक है। एक मजदूर ने कहा, “हमें अपनी जान की कोई परवाह नहीं है। हमें केवल काम करने के लिए मजबूर किया जाता है, लेकिन सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जाता।” यह बयान यह दर्शाता है कि मेट्रो प्रोजेक्ट में कार्यरत मजदूरों के बीच असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।
यह हादसा न केवल पटना में मेट्रो निर्माण कार्य की सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि मजदूरों की सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है। पटना मेट्रो प्रबंधन को अब अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना होगा और मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। इस प्रकार के हादसों की पुनरावृत्ति से रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
हादसे के बाद, राज्य प्रशासन को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने और निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की जरूरत है। यह न केवल मजदूरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि सार्वजनिक निर्माण परियोजनाओं की विश्वसनीयता के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इस दुर्घटना ने फिर से यह साबित किया है कि श्रमिकों की सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे हादसे न केवल पीड़ितों के परिवारों को प्रभावित करते हैं, बल्कि समाज के सभी वर्गों पर भी गहरा असर डालते हैं। पटना में इस प्रकार के हादसों से बचने के लिए सभी संबंधित पक्षों को एकजुट होकर काम करना होगा।