
हाल ही में एक स्कूल वैन की चपेट में आने से 6 साल की बच्ची की दुखद मौत हो गई थी। इस घटना के बाद मानवाधिकार आयोग ने आर.टी.ओ. को नोटिस जारी किया था। अब ट्रांसपोर्ट विभाग भी हरकत में आ गया है और 17 फरवरी को सड़कों पर उतरकर स्कूल बसों की सख्त चेकिंग करने का फैसला किया गया है।
स्कूल बसों पर होगी कड़ी कार्रवाई
ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारी सोमवार को विभिन्न स्कूलों के बाहर चेकिंग अभियान चलाएंगे। खासकर, वे यह सुनिश्चित करेंगे कि स्कूल बसें सुरक्षा नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं।
यह मामला तब सामने आया था जब सेक्टर-32 के बी.सी.एम. स्कूल में एक बच्ची स्कूल बस की चपेट में आ गई थी। उस समय नगर निगम चुनाव का दौर चल रहा था, जिसके कारण प्रशासन की ओर से स्कूल बसों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन अब ट्रांसपोर्ट विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।
अब तक केवल चालान, लेकिन नहीं हो रही बसों की रोकथाम
अक्सर देखा गया है कि जब अधिकारियों द्वारा चेकिंग की जाती है, तो यह दोपहर के समय होती है, जब बसों में बच्चे मौजूद होते हैं। ऐसे में बसों को रोका नहीं जाता, बल्कि केवल चालान काटकर छोड़ दिया जाता है।
500 से 1000 रुपये का चालान कटवाकर कई बस चालक मौके से फरार हो जाते हैं। इससे बच्चों की सुरक्षा पर कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाता।
स्कूल प्रबंधन ने किया पल्ला झाड़ने की कोशिश
आर.टी.ओ. ने करीब एक महीने पहले सभी प्राइवेट स्कूलों को पत्र भेजकर स्कूल बसों की जानकारी मांगी थी। लेकिन कई स्कूलों ने जवाब दिया कि ये बसें उनकी नहीं हैं।
हालांकि, यह साफ नहीं हो सका कि आखिर ये बसें किसके अधीन काम कर रही हैं। स्कूल प्रबंधन ने भी इस मामले से खुद को दूर कर लिया है और कहा है कि वे केवल बसों की सेवाएं लेते हैं, लेकिन ये बसें उनकी नहीं हैं।
अब क्या होगा आगे?
- 17 फरवरी को ट्रांसपोर्ट विभाग स्कूल बसों की सख्त जांच करेगा।
- सुरक्षा नियमों का पालन न करने वाली बसों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
- स्कूल प्रबंधन को भी जवाबदेह ठहराया जा सकता है।
- सुनिश्चित किया जाएगा कि बस चालकों के पास सभी जरूरी दस्तावेज और सुरक्षा उपकरण हों।
निष्कर्ष
स्कूल बसों की लापरवाही के कारण छोटे बच्चों की जान खतरे में पड़ रही है। यह जरूरी है कि प्रशासन, स्कूल प्रबंधन और ट्रांसपोर्ट विभाग मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें। उम्मीद है कि 17 फरवरी को होने वाली चेकिंग से स्कूल बसों की अनियमितताओं पर लगाम लगाई जाएगी और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।