
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने परिसीमन (Delimitation) पर हुई पहली संयुक्त समिति (Joint Committee) की बैठक के बाद बड़ा बयान दिया है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी उन सीटों को कम कर रही है, जहां वे जीत नहीं सकते। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या दक्षिण भारत को जनसंख्या नियंत्रण के लिए सजा दी जा रही है?
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बीजेपी पर लगाया पक्षपात का आरोप
भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में बीजेपी का जनाधार कमजोर है और वे यहां ज्यादा सीटें नहीं जीत पाते। ऐसे में परिसीमन के जरिए वे अपने फायदे के लिए सीटों की संख्या घटा-बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब में फिलहाल लोकसभा की 13 सीटें हैं, जो कुल 543 सीटों का 2.39% हिस्सा बनती हैं। परिसीमन के बाद देश में कुल 850 सीटें हो सकती हैं, लेकिन पंजाब की सीटें सिर्फ 18 तक ही बढ़ेंगी, जिससे शेयर घटकर 2.11% रह जाएगा।
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर जनसंख्या नियंत्रण जरूरी है, तो सिर्फ सीटों की संख्या तय करने का आधार जनसंख्या ही क्यों हो? पंजाब और दक्षिण भारत जैसे राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण में सफलता हासिल की है, लेकिन अब उन्हें ही सजा दी जा रही है।
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दक्षिण भारत के नेताओं का भी समर्थन
भगवंत मान ने कहा कि परिसीमन का फैसला सिर्फ जनसंख्या के आधार पर नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि बैठक में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। आंध्र प्रदेश और केरल के मुख्यमंत्री भी इस मुद्दे पर सहमत थे। उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या ही आधार है, तो फिर उन राज्यों के साथ अन्याय क्यों, जिन्होंने जनसंख्या नियंत्रण किया है?
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भ्रष्टाचार के आरोपों पर पलटवार
बीजेपी द्वारा विपक्षी दलों पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर भगवंत मान ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “क्या यूपी (उत्तर प्रदेश) में भ्रष्टाचार नहीं है? राजस्थान और मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार नहीं है? सबसे बड़ा घोटाला तो मध्य प्रदेश में हुआ था।” उन्होंने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि “केवल विपक्षी दलों पर निशाना साधने से सच नहीं बदल जाता।”
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परिसीमन पर आगे भी रखेंगे अपनी बात
भगवंत मान ने कहा कि “हैदराबाद में होने वाली अगली बैठक में भी हम शामिल होंगे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब के हितों की रक्षा के लिए वह हर जरूरी मंच पर अपनी बात रखते रहेंगे।
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भगवंत मान ने परिसीमन के मुद्दे पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। उन्होंने बीजेपी पर राजनीतिक फायदे के लिए सीटों की संख्या में हेरफेर करने का आरोप लगाया और दक्षिण भारत के राज्यों के साथ अन्याय का मुद्दा उठाया। अब देखने वाली बात होगी कि आगामी बैठकों में इस पर क्या फैसला लिया जाता है।