
भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस माहौल में भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर एक और बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड (NSAB) में बदलाव करते हुए पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका नया अध्यक्ष नियुक्त किया है।
यह बोर्ड राष्ट्रीय सुरक्षा नीति से जुड़े अहम मुद्दों पर सरकार को सलाह देने का काम करता है। अब इस बोर्ड में कुल सात सदस्य होंगे, जिनमें सेना, विदेश सेवा और पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी शामिल हैं।
नए चेहरों को मिली जिम्मेदारी
आलोक जोशी के अलावा जिन अधिकारियों को इस बोर्ड में जगह दी गई है, उनमें शामिल हैं:
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एयर मार्शल पीएम सिन्हा (पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर)
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लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह (पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर)
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रियर एडमिरल मॉन्टी खन्ना (पूर्व नौसेना अधिकारी)
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राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह (दोनों भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर्ड)
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बी. वेंकटेश वर्मा (पूर्व राजनयिक, विदेश सेवा अधिकारी)
इस टीम को सुरक्षा, कूटनीति और रणनीतिक मामलों में गहरी समझ है, जो देश के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
पीएम मोदी की चार अहम बैठकें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लगातार चार बड़ी बैठकों में हिस्सा लिया। इनमें शामिल रहीं –
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कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS)
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कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA)
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कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (CCEA)
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कैबिनेट मीटिंग
इन बैठकों में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कई जरूरी फैसले लिए गए। खासकर पहलगाम हमले के बाद, सरकार आतंकवाद और पाकिस्तान की गतिविधियों को लेकर कोई नरमी नहीं दिखा रही।
पाकिस्तान की बौखलाहट
भारत के सख्त कदमों से पाकिस्तान में बेचैनी साफ देखी जा रही है। पाकिस्तान ने इस मामले को रूस, अमेरिका और तुर्किए के सामने उठाया है और साथ ही संयुक्त राष्ट्र (UN) में भी शिकायत की है कि भारत के आरोप झूठे हैं।
हालांकि भारत के पास मजबूत सबूत हैं और सरकार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपना पक्ष मजबूती से रख रही है।
पाकिस्तान की नापाक हरकतें जारी
एक तरफ पाकिस्तान शांति की बात करता है, वहीं दूसरी ओर वह सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन करता रहता है। हाल ही में पाकिस्तान ने एलओसी पर बारामूला समेत कई इलाकों में गोलीबारी की। इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी कड़ा जवाब दिया।
बुधवार को भी पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया, लेकिन भारतीय जवानों ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया। यह दर्शाता है कि भारत अब न केवल राजनीतिक स्तर पर सख्त है, बल्कि सेना भी पूरी तरह से तैयार है।
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने सुरक्षा के मोर्चे पर कोई समझौता न करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति इस बात का संकेत है कि सरकार भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए रणनीतिक तैयारियां कर रही है।
पाकिस्तान की हरकतों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी बौखलाहट से साफ है कि भारत के फैसले असर दिखा रहे हैं। आने वाले समय में भारत और भी सख्त कदम उठा सकता है।