पहलगाम आतंकी हमले के बाद राहुल गांधी पहुंचे कश्मीर, घायलों से मिलकर जताई संवेदना

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज कश्मीर के पहलगाम पहुंचे, जहाँ उन्होंने हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले में घायल लोगों से मुलाकात की। यह जानकारी कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने दी। राहुल गांधी, इस दौरे के दौरान बादामीबाग छावनी में स्थित आर्मी बेस अस्पताल भी जा सकते हैं, जहाँ हमले में घायल लोगों का इलाज चल रहा है।
क्या है हमला?
यह आतंकी हमला 22 अप्रैल को हुआ था, जिसमें अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इसके अलावा कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को हिला दिया है, और अब राजनीति से लेकर आम जनता तक हर कोई इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है।
राहुल गांधी का दौरा और मकसद
कांग्रेस के नेता ने बताया कि राहुल गांधी का यह दौरा पूरी तरह से हमले में घायल लोगों का हाल जानने और कश्मीर के लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने के उद्देश्य से है। वह सिर्फ नेताओं से नहीं बल्कि आम लोगों और स्थानीय प्रतिनिधियों से भी मिलेंगे ताकि वे लोगों की तकलीफ को समझ सकें और उसकी आवाज़ को देशभर में पहुंचा सकें।
राहुल गांधी के इस दौरे में उनकी जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भी मुलाकात की संभावना है। माना जा रहा है कि वह राज्य के ताज़ा हालात और हमले के बाद की स्थिति पर इन नेताओं से चर्चा करेंगे।
अमेरिका से भारत लौटे राहुल
दिलचस्प बात यह है कि राहुल गांधी इस समय अमेरिका दौरे पर थे, लेकिन जैसे ही उन्हें पहलगाम हमले की जानकारी मिली, उन्होंने अपना दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया। वापसी के बाद उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लिया और फिर सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी भाग लिया। इस बैठक का मकसद था – इस हमले पर साझा प्रतिक्रिया और देश को एकजुट रखना।
एकजुटता का संदेश
कांग्रेस नेताओं के अनुसार, राहुल गांधी का यह दौरा सिर्फ एक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक संवेदनशील नागरिक के तौर पर है जो देशवासियों के दर्द को महसूस करता है। वह आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और कश्मीरियों के साथ खड़े होने का संदेश देना चाहते हैं।
उनका यह कदम दर्शाता है कि राजनीति से ऊपर उठकर भी अगर देश में कोई संकट आता है तो सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए। राहुल गांधी के दौरे ने यह साफ कर दिया है कि कांग्रेस इस मसले को गंभीरता से ले रही है और वह सिर्फ निंदा करने तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि मौके पर जाकर लोगों का दुख साझा करने में यकीन रखती है।
राहुल गांधी का यह दौरा अब राजनीतिक ही नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है, जो देश के सामने एकता और हमदर्दी की मिसाल पेश करता है।