
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार एक्शन मोड में आ गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस हमले के बाद एक बड़ा और कड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान से जुड़े सभी वीजा रद्द करने का आदेश दे दिया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस फैसले को लागू करने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की और निर्देश दिए कि उनके राज्यों में जो भी पाकिस्तानी नागरिक मौजूद हैं, उन्हें जल्द से जल्द भारत से वापस भेजा जाए। यह फैसला गृहमंत्री ने अधिकारियों के साथ हाई-लेवल बैठक के बाद लिया है।
क्या है पूरा मामला?
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। इस हमले में 17 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। इसके बाद से केंद्र सरकार ने लगातार सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
भारत के सख्त कदम
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पाकिस्तान से वीजा रद्द – अब भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं।
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राज्यों को आदेश – गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे पाकिस्तान से आए नागरिकों को जल्द से जल्द भारत छोड़ने को कहें।
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सिंधु जल संधि निलंबित – भारत सरकार ने 1960 से लागू सिंधु जल समझौते को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। यह समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच नदियों के जल वितरण को लेकर था।
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अटारी बॉर्डर बंद – पाकिस्तान से आने-जाने का अटारी बॉर्डर बंद कर दिया गया है।
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एक मई तक की डेडलाइन – पाकिस्तान के नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए एक मई तक का समय दिया गया है।
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हाईकमीशन में कटौती – भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में तैनात कर्मचारियों की संख्या 50 से घटाकर 30 कर दी गई है।
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डिफेंस अटैचेस को निकाला गया – पाकिस्तान के डिफेंस एडवाइजर्स को भी एक हफ्ते के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
क्या बोले अधिकारी?
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि,
“भारत अब हर मोर्चे पर पाकिस्तान को जवाब देगा। आतंकवाद को समर्थन देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। देश की सुरक्षा सर्वोपरि है।”
क्या होगा असर?
इस कदम से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में और तनाव बढ़ना तय है। सिंधु जल संधि का निलंबन और वीजा रद्द होने का सीधा असर आम लोगों पर भी पड़ेगा। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत के इस कदम की चर्चा होगी।
पहलगाम हमला अब केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा नीति का टर्निंग प्वाइंट बन चुका है।