पहलगाम आतंकी हमले के बाद पंजाब बॉर्डर पर बढ़ी चौकसी, BSF और Punjab पुलिस पूरी तरह अलर्ट

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। इस हमले में कई श्रद्धालुओं की जान गई, जिससे पूरे देश में चिंता की लहर दौड़ गई है। इस हमले को देखते हुए पंजाब की पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर खास सतर्कता बरती जा रही है।
सीमा पर सुरक्षा और निगरानी बढ़ाई गई
बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) ने पंजाब के सीमावर्ती जिलों—फिरोजपुर, अमृतसर, पठानकोट, तरनतारन और गुरदासपुर—में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया है। BSF ने अपनी क्विक रिएक्शन टीमें (QRTs) सक्रिय कर दी हैं, जो 24 घंटे गश्त पर हैं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।
ड्रोन से हो रही घुसपैठ की कोशिशों पर नज़र
पिछले कुछ समय से पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के ज़रिए हथियार, नशीले पदार्थ और विस्फोटक भेजे जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, BSF ने एंटी-ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम और भी ज्यादा सक्रिय कर दिया है। अब सीमावर्ती क्षेत्रों में दिन-रात निगरानी की जा रही है।
इसके लिए हाई-टेक कैमरे, नाइट विजन डिवाइस और मोशन सेंसर्स लगाए गए हैं जो हर छोटी से छोटी हरकत पर नज़र रखते हैं। साथ ही, BSF के कंट्रोल रूम से 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है।
गाँवों में भी गश्त और तलाशी अभियान
सीमा से लगे गाँवों में BSF और पंजाब पुलिस द्वारा गश्त और तलाशी अभियान तेज कर दिए गए हैं। स्थानीय लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की जानकारी तुरंत सुरक्षा बलों को देने की अपील की गई है।
पंजाब पुलिस भी सक्रिय
BSF के साथ-साथ पंजाब पुलिस भी अपने स्तर पर सुरक्षा को पुख्ता कर रही है। संवेदनशील इलाकों में नाके और चेक पोस्ट लगाए गए हैं। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर नज़र रखें और किसी भी अंजान या संदिग्ध व्यक्ति की जांच करें।
आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं
पहलगाम हमले के बाद से ये साफ हो गया है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी फिर से घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं। इसीलिए सीमाओं को पूरी तरह सील करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जा सकता है ताकि किसी भी तरह की आतंकी साजिश को समय रहते रोका जा सके।
यह सख्ती जरूरी भी है, क्योंकि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियां मिलकर यह सुनिश्चित करने में जुटी हैं कि किसी भी कीमत पर शांति भंग न हो और लोगों की जान-माल सुरक्षित रहे।