
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ (शुल्क) को लेकर नई घोषणा के बाद से वैश्विक बाजारों में जबरदस्त उथल-पुथल देखने को मिल रही है। कभी बाजारों में जोरदार तेजी आती है तो कभी जबरदस्त गिरावट देखने को मिलती है। बुधवार को जहां अमेरिकी बाजार ने रिकॉर्ड तोड़ तेजी दिखाई, वहीं गुरुवार को भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे दुनियाभर के निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।
डॉव जोंस में 800 अंकों की गिरावट
गुरुवार को अमेरिका के प्रमुख स्टॉक इंडेक्स डॉव जोंस में 800 से ज्यादा अंकों की गिरावट आई, और यह 39,793 अंक पर बंद हुआ। इसके साथ ही S&P 500 इंडेक्स 144 अंक यानी 2.64% गिर गया। वहीं, Nasdaq में 623 अंकों की बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जो करीब 3.64% के बराबर है। इस गिरावट के चलते अमेरिकी शेयर बाजार में डर का माहौल बन गया है।
टैरिफ राहत के बाद क्यों आई गिरावट?
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में 90 दिनों की टैरिफ राहत (यानी कुछ सामानों पर आयात शुल्क अस्थायी रूप से हटाने) की घोषणा की थी। ऐसा माना जा रहा था कि इससे बाजार को सहारा मिलेगा, लेकिन उल्टा असर देखने को मिला। राहत की घोषणा के बाद निवेशकों को ये डर सताने लगा कि यह कदम अमेरिकी अर्थव्यवस्था में किसी अंदरूनी कमजोरी की ओर इशारा कर रहा है।
टेक सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित
गुरुवार की गिरावट में सबसे ज्यादा नुकसान टेक कंपनियों को हुआ।
एप्पल (Apple) के शेयर 3.8% गिरे।
टेस्ला (Tesla) में 5% की गिरावट आई।
एनवीडिया (Nvidia) के शेयर 4% नीचे आए।
मेटा (Meta) यानी फेसबुक की पेरेंट कंपनी के शेयरों में भी 1.7% की गिरावट देखने को मिली।
टेक सेक्टर की ये गिरावट बताती है कि निवेशकों का भरोसा फिलहाल इन बड़े नामों पर भी कमजोर हो गया है।
भारत पर भी असर तय
अमेरिकी बाजार में जब इस तरह की बड़ी गिरावट आती है, तो उसका असर बाकी देशों पर भी देखने को मिलता है। भारत भी इससे अछूता नहीं है।
गिफ्ट निफ्टी में भी करीब 200 अंकों की गिरावट देखी गई है।
भारत VIX (जो बाजार की अस्थिरता को दर्शाता है) में 5% की तेजी दर्ज की गई है। यह संकेत देता है कि भारतीय बाजार में भी शुक्रवार को तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
विशेषज्ञ भी उलझन में
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि इस समय ग्लोबल मार्केट में हालात बहुत अनिश्चित हैं। टैरिफ राहत के बावजूद गिरावट यह दर्शाती है कि निवेशक किसी गहरे खतरे को लेकर डरे हुए हैं। कुछ का मानना है कि निवेशकों को यह राहत स्थायी नहीं लग रही है, इसलिए वे मुनाफा निकाल रहे हैं।
क्या होगा भारतीय बाजार में?
हालांकि अभी कुछ तय नहीं कहा जा सकता, लेकिन अमेरिकी बाजार की गिरावट और गिफ्ट निफ्टी के संकेत को देखते हुए भारतीय शेयर बाजार में भी कमजोरी के आसार हैं। निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है, खासतौर पर टेक और आईटी सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में।
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसले ने दुनिया भर के बाजारों को हिला दिया है। अब देखना होगा कि शुक्रवार को भारतीय बाजार इस दबाव का कैसे सामना करते हैं।