
अहमदाबाद में हुआ एक भयानक विमान हादसा पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना में अब तक 204 लोगों की मौत हो चुकी है और 41 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। यह हादसा मंगलवार की रात हुआ, जब एक यात्री विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
इस विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे। वे अपनी पत्नी अंजलि और बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। हादसे में उनकी मौत की पुष्टि गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ने की है। उन्होंने रूपाणी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह केवल बीजेपी के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे गुजरात के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
सीआर पाटिल ने बताया कि इस विमान हादसे में सिर्फ यात्री ही नहीं, बल्कि पास ही स्थित एक हॉस्टल में रह रहे डॉक्टर स्टूडेंट्स भी इसकी चपेट में आ गए। कई स्टूडेंट्स की मौत हो गई है और कुछ गंभीर रूप से घायल हैं। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी है, लेकिन मलबे में और लोगों के फंसे होने की आशंका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी तुरंत गुजरात पहुंचे और हालात का जायजा लिया। दोनों नेताओं ने स्थानीय प्रशासन और राहत दलों को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया। पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
विजय रूपाणी के निधन की खबर जैसे ही सामने आई, उनके घर के आसपास सन्नाटा पसर गया। पड़ोसी स्तब्ध रह गए और नजदीकी मंदिर में उनके लिए विशेष प्रार्थनाएं शुरू कर दी गईं। रूपाणी परिवार की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है और उनका घर भी खाली बताया जा रहा है।
अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर जी.एस. मलिक ने बताया कि अब तक 204 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं और 41 घायल अस्पतालों में इलाजरत हैं। उन्होंने बताया कि हादसे की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित कर दी गई है और सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है। शुरुआती जांच में तकनीकी खराबी की आशंका जताई जा रही है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
यह हादसा पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और प्रमुख नेताओं ने भी इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मृतकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की है।
सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है और घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने का आश्वासन दिया है।
यह हादसा एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर करता है कि हवाई सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की ज़रूरत है ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।