
देशभर में साइबर ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ठग अब इतने शातिर हो गए हैं कि AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से लोगों की आवाज़ की नकल करके उन्हें डराकर पैसे ऐंठ रहे हैं। हाल ही में दिल्ली और मुंबई से ऐसे दो मामले सामने आए हैं, जिनमें ठगों ने नकली बेटे की आवाज़ बनाकर परिवार वालों से लाखों की ठगी की।
दिल्ली में चावला परिवार से हुई ठगी
दिल्ली निवासी लक्ष्मी चंद चावला के पास एक दिन एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाला खुद को पुलिस अधिकारी बता रहा था और उसने कहा कि उनके भतीजे कपिल को एक गंभीर केस में गिरफ्तार किया गया है। थोड़ी ही देर में कपिल जैसी डरी-सहमी आवाज़ फोन पर सुनाई दी, जो मदद की गुहार लगा रही थी।
इसके बाद कॉल फिर उस कथित पुलिस अफसर ने संभाली और मामला रफा-दफा करने के लिए 70,000 रुपये की मांग की। घबराकर चावला दंपति ने तुरंत 50,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन जब दूसरी बार 2 लाख रुपये की मांग हुई तो उन्हें शक हुआ और उन्होंने परिवार से संपर्क किया। तब पता चला कि कपिल तो सुरक्षित घर पर ही था। यह एक AI वॉइस क्लोनिंग फ्रॉड था।
मुंबई में भी हुआ ऐसा ही मामला
मुंबई के केटी विनोद के पास भी एक दिन एक फोन आया। कॉल करने वाला खुद को दुबई में स्थित भारतीय दूतावास से बता रहा था। कुछ ही देर में उन्होंने अपने बेटे अमित की घबराई हुई आवाज़ सुनी – “पापा, मुझे यहां से निकालो।” यह सुनकर विनोद इतने घबरा गए कि उन्होंने तुरंत 80,000 रुपये भेज दिए। लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि उनका बेटा तो घर पर ही सुरक्षित है। यहाँ भी AI तकनीक का इस्तेमाल करके बेटे की आवाज बनाई गई थी।
कैसे होती है ये ठगी?
AIPRM की रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ 3 सेकंड की आपकी आवाज रिकॉर्डिंग से आपकी हूबहू आवाज बनाई जा सकती है। इस तकनीक को AI वॉइस क्लोनिंग कहा जाता है। इससे ठग आपके किसी करीबी की आवाज बनाकर आपसे बात करते हैं और इमोशनल दबाव बनाकर पैसे ठग लेते हैं।
कैसे बचें इस खतरे से?
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कोडवर्ड तय करें – अपने घरवालों और करीबी दोस्तों के साथ कोई खास कोडवर्ड बना लें जो सिर्फ आप लोग जानते हों।
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पहचान के सवाल पूछें – अगर कॉल पर कोई परिचित बनकर बात कर रहा है, तो उससे कोई ऐसा सवाल पूछें जिसका जवाब सिर्फ वही जानता हो।
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कॉल दोबारा करें – अगर किसी संस्था या जान-पहचान वाले का फोन आए, तो कॉल काटकर सेव नंबर से दोबारा बात करें।
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आवाज़ भेजने से बचें – अंजान लोगों को वॉयस नोट्स या “हैलो” जैसे शब्द भेजने से बचें। ये भी ठग आपकी आवाज चुराने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
AI वॉइस क्लोनिंग साइबर ठगों का नया और खतरनाक हथियार बन चुका है। इससे बचने के लिए सतर्कता और सूझबूझ जरूरी है। याद रखें, कोई भी संदिग्ध कॉल आए तो भावनाओं में बहने से पहले जांच और पुष्टि जरूर करें। आपकी एक सावधानी आपको लाखों के नुकसान से बचा सकती है।