दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर जानलेवा हो चुका है, जिसके चलते सरकार ने सोमवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को लागू कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि GRAP-4 के तहत केवल 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए ही ऑफलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी, जबकि अन्य सभी कक्षाओं के लिए ऑनलाइन मोड में पढ़ाई होगी।
वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद कड़े कदम
रविवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। शाम 4 बजे जहां AQI 441 दर्ज किया गया, वहीं शाम 7 बजे यह बढ़कर 457 हो गया। सोमवार को स्थिति और भी गंभीर हो गई, जब मुंडका में AQI 1185 और जहांगीरपुरी में 1040 दर्ज किया गया। दिल्ली के अधिकांश इलाकों में AQI 700 से ऊपर है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए GRAP-4 के तहत सख्त उपायों की घोषणा की। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब दिल्ली में लगातार पांचवे दिन भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है।
GRAP-4 के तहत लागू किए गए नियम
GRAP-4 के लागू होने के साथ ही कई प्रतिबंध लागू हो गए हैं:
1. आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन जैसे एलएनजी, सीएनजी, बीएस-6 डीजल और इलेक्ट्रिक वाहनों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
2. निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
3. सभी स्कूलों में नौवीं और 11वीं कक्षा तक ऑफलाइन पढ़ाई पर रोक लगा दी गई है।
स्कूलों पर विशेष दिशा-निर्देश
दिल्ली के शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे नौवीं और 11वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए ऑफलाइन कक्षाएं तत्काल प्रभाव से बंद कर दें। हालांकि, 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए परीक्षा और बोर्ड की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए स्कूल खुले रहेंगे।
शिक्षा निदेशालय ने अपने परिपत्र में कहा:
> “दिल्ली में शिक्षा निदेशालय, एमसीडी, एनडीएमसी और डीसीबी के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त एवं निजी मान्यता प्राप्त स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नौवीं और 11वीं कक्षा तक के छात्र केवल ऑनलाइन मोड में पढ़ाई करें।”
प्रदूषण के पीछे की वजह
विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर प्रतिकूल मौसम और पराली जलाने की घटनाओं के कारण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हवा की गति कम होने और नमी के बढ़ने से प्रदूषक तत्व वातावरण में स्थिर हो गए हैं।
सरकार का रुख और चेतावनी
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि प्रदूषण की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे गैर-जरूरी यात्रा से बचें और घर पर ही रहें। इसके अलावा, उन्होंने निजी वाहनों का कम से कम उपयोग करने और सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम इस्तेमाल करने की सलाह दी।
जनता के लिए निर्देश
सरकार ने जनता से निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया है:
1. बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोगों को बाहर जाने से बचने की सलाह दी गई है।
2. निजी वाहनों के बजाय मेट्रो और बसों का उपयोग करें।
3. वाहनों की पार्किंग में धूल को नियंत्रित करने और कचरे को जलाने से बचें।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए अन्य उपाय
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कुछ अन्य कदम भी उठाए हैं, जैसे कि पानी का छिड़काव, सड़क पर धूल को नियंत्रित करने के लिए वैक्यूम सफाई, और ईंधन आधारित उद्योगों पर निगरानी।
स्थिति चिंताजनक, लेकिन उपाय जारी
दिल्ली का बढ़ता प्रदूषण केवल स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि सामान्य जीवन के लिए भी गंभीर चुनौती बन गया है। सरकार और प्रशासन इस स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं, लेकिन प्रदूषण से निपटने में जनता का सहयोग भी बेहद जरूरी है।
वर्तमान हालात को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि अगर स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।