राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पिछले कुछ दिनों से बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है। शनिवार को दिल्ली का औसत AQI 363 था, जो प्रदूषण के खतरनाक स्तर को दर्शाता है। रविवार सुबह 7 बजे तक अधिकांश क्षेत्रों में AQI स्तर 300 से 400 के बीच में बना हुआ है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।
दिल्ली के प्रमुख क्षेत्रों में AQI का स्तर
रविवार सुबह आनंद विहार में AQI 351, अलीपुर में 356, आया नगर में 343, डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज में 348, द्वारका सेक्टर 8 में 341, आईजीआई एयरपोर्ट पर 326, आईटीओ पर 328, और जहांगीरपुरी में 370 दर्ज किया गया। इन इलाकों में PM 2.5 और PM 10 का स्तर सामान्य से कहीं अधिक है। वजीरपुर (366), बवाना (383), और आर के पुरम (368) में भी एक्यूआई का स्तर बेहद खराब है। वहीं, दिल्ली एनसीआर के कुछ इलाकों में भी प्रदूषण बढ़ा है – जैसे फरीदाबाद में 195, गुरुग्राम में 294, गाजियाबाद में 294, ग्रेटर नोएडा में 259 और नोएडा में 229 AQI दर्ज किया गया।
AQI को अच्छे (0-50), संतोषजनक (51-100), मध्यम (101-200), खराब (201-300), बहुत खराब (301-400), और गंभीर (401-500) श्रेणियों में बांटा जाता है। फिलहाल, दिल्ली का AQI “बहुत खराब” श्रेणी में बना हुआ है, जो जनता के लिए अत्यंत हानिकारक है। इस समय सांस की समस्याओं वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।
मौसम का अनुमान और कोहरे का असर
मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में रविवार को मध्यम कोहरा रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। कोहरे और ठंड के कारण प्रदूषण के कण हवा में लंबे समय तक स्थिर रहते हैं, जिससे AQI में और अधिक गिरावट आने की संभावना है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार की पहल
वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए दिल्ली सरकार लगातार प्रयास कर रही है। शुक्रवार को दिल्ली के आनंद विहार इलाके में प्रदूषण कम करने के लिए ड्रोन से पानी का छिड़काव किया गया। आनंद विहार शहर के सबसे प्रदूषित इलाकों में से एक माना जाता है, जहां AQI का स्तर शहर के औसत स्तर से भी अधिक रहता है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस दौरान बताया कि वर्तमान में राजधानी में 200 से अधिक एंटी-स्मॉग गन तैनात हैं। इन एंटी-स्मॉग गन से शहर की सड़कों पर पानी का छिड़काव कर धूल के कणों को कम किया जा रहा है। अगर ड्रोन से छिड़काव का यह परीक्षण सफल रहता है, तो दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और अधिक ड्रोन खरीदने की योजना बना सकती है।
गोपाल राय ने कहा कि, “अगर हमें इस परीक्षण से अच्छे परिणाम मिलते हैं, तो हम प्रदूषण नियंत्रण के लिए और ड्रोन खरीदने के लिए औपचारिक निविदाएं जारी करेंगे।” ड्रोन के माध्यम से पानी के छिड़काव का उद्देश्य है कि हवा में फैले प्रदूषक कण नीचे बैठ जाएं, जिससे प्रदूषण का स्तर कम हो।
प्रदूषण के कारणों पर सरकार की चिंता
दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर का एक प्रमुख कारण है, पराली जलाने की समस्या। हर साल सर्दियों के मौसम में उत्तर भारत के राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसानों द्वारा पराली जलाने की प्रक्रिया की जाती है, जिससे हवा में भारी मात्रा में धुआं और जहरीले कण मिल जाते हैं।
दिल्ली सरकार ने इस पर ध्यान देते हुए केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों से सहयोग की अपील की है। दिल्ली में परिवहन व्यवस्था में भी बदलाव किए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, सरकार ने सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए बस और मेट्रो सेवाओं की संख्या बढ़ाई है। साथ ही, निजी वाहनों के लिए सम-विषम (ऑड-ईवन) योजना को लागू करने का भी विचार किया जा रहा है, ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो और प्रदूषण का स्तर घटे।
दिल्लीवालों के लिए सुझाव
वायु प्रदूषण के इस स्तर पर जनता को सतर्क रहने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों, बुजुर्गों, और श्वसन संबंधी समस्याओं से ग्रस्त लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है। आवश्यक होने पर ही बाहर निकलें और एन95 मास्क पहनकर ही बाहर जाएं। घर के अंदर वायु शुद्धिकरण के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। पानी का अधिक सेवन करें और फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भाप लेने की आदत डालें।
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। सरकार के साथ-साथ लोगों को भी प्रदूषण नियंत्रण के उपायों में सहयोग करना होगा ताकि राजधानी में प्रदूषण का स्तर कम हो सके।