दिवाली के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर फिर से गंभीर स्थिति में पहुंच गया है। कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार चला गया है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण के और बढ़ने की आशंका जताई गई है। इसके बावजूद, पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में जमकर आतिशबाजी की गई, जिसके चलते आज सुबह राजधानी में धुंध की परत छाई रही।
राजधानी में प्रदूषण का स्तर क्यों बढ़ा?
वर्ष 2023 में दिवाली के बाद दिल्ली का औसत एक्यूआई 359 तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के मुकाबले काफी खराब है। विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में दिवाली के दौरान प्रदूषण के बढ़ने का मुख्य कारण प्रतिकूल मौसमी स्थितियां, पराली जलाने से उठने वाला धुआं और वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण है। आतिशबाजी ने इस स्थिति को और गंभीर बना दिया है, जिसके कारण आज सुबह दिल्ली के आसमान में जहरीले धुएं का बादल छा गया है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की स्थिति
सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में AQI गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। आनंद विहार में AQI 459, सोनिया विहार में 467 और बवाना में 436 तक दर्ज किया गया है। शाहदरा, अलीपुर और पूसा जैसे इलाकों में भी AQI 400 के आसपास है। नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम जैसे एनसीआर के शहरों में स्थिति थोड़ी बेहतर है, जहां AQI “खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया है। फरीदाबाद में AQI 181 रहा, जो अपेक्षाकृत बेहतर है।
प्रतिबंधों के बावजूद धड़ल्ले से हुई आतिशबाजी
दिल्ली सरकार ने इस बार भी पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था। इस प्रतिबंध को लागू करने के लिए 377 प्रवर्तन दल भी बनाए गए थे, लेकिन इसके बावजूद पूर्वी और पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में प्रतिबंध का उल्लंघन हुआ। जौनपुर, पंजाबी बाग, बुराड़ी और ईस्ट ऑफ कैलाश जैसे इलाकों में प्रतिबंधों की अनदेखी करते हुए जमकर पटाखे जलाए गए। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार, पटाखों का उल्लंघन करते पाए जाने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली के AQI का रिकॉर्ड
पिछले साल दिवाली पर दिल्ली का औसत एक्यूआई 218 था, जो कि इस साल की तुलना में काफी बेहतर था। प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण इस बार प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। पिछले कुछ वर्षों के दिवाली पर दिल्ली का AQI रिकॉर्ड इस प्रकार रहा है:
2023 – 218
2022 – 312
2021 – 382
2020 – 414
2019 – 337
2018 – 281
2017 – 319
2016 – 431
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि दिल्ली में दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर अक्सर “गंभीर” श्रेणी तक पहुंच जाता है।
प्रदूषण से निपटने के लिए सरकारी कदम
दिल्ली सरकार लगातार पांच वर्षों से पटाखों पर प्रतिबंध लागू कर रही है ताकि बढ़ते प्रदूषण से निपटा जा सके। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में 377 प्रवर्तन दल बनाए हैं, ताकि पटाखों के उपयोग पर सख्त निगरानी रखी जा सके। इसके अलावा, लोगों को जागरूक करने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। फिर भी, इस वर्ष प्रतिबंध का व्यापक रूप से उल्लंघन देखने को मिला है।
प्रदूषण के प्रभाव और सलाह
दिवाली के बाद प्रदूषण के गंभीर स्तर पर पहुंचने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। खासकर, बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि वे मास्क पहनें और जहां तक संभव हो घर के अंदर ही रहें। सुबह और रात के समय बाहर जाने से बचें, क्योंकि इन समयों में प्रदूषण का स्तर अधिक होता है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयासों के बावजूद, दिवाली के दौरान लोगों की लापरवाही ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। प्रतिबंधों के उल्लंघन, पराली जलाने और प्रतिकूल मौसम के चलते दिल्ली में वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है। अगर दिल्लीवासी प्रदूषण को नियंत्रित करने में अपनी भूमिका निभाएं, तो इस समस्या का हल निकाला जा सकता है।