दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या लगातार गंभीर बनी हुई है। मंगलवार सुबह भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ने खतरनाक स्तर पार कर लिया। एक्यूआईसीएन (AQICN) के अनुसार, नोएडा के सेक्टर-116 में सुबह 7 बजे AQI 961 तक पहुंच गया, जबकि नोएडा सेक्टर-125 में यह 954 दर्ज किया गया। आनंद विहार दिल्ली का AQI 315 रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में भी वायु प्रदूषण गंभीर स्थिति में है।
दिल्ली-एनसीआर में AQI का हाल
दिल्ली और एनसीआर के प्रमुख इलाकों में दर्ज किए गए एक्यूआई का विवरण इस प्रकार है:
नोएडा और दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई गंभीर श्रेणी में है, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ और स्वास्थ्य संबंधी अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गाजियाबाद में हवा चलने से मिली थोड़ी राहत
गाजियाबाद में सोमवार को सात किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चली हवा ने वायु प्रदूषण के स्तर में थोड़ी कमी लाई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, गाजियाबाद का एक्यूआई 169 दर्ज किया गया, जबकि आईक्यू एयर ने इसे 119 बताया। हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण के सूक्ष्म कण बिखर जाते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होता है।
कोहरे के कारण हाईवे पर राहत
मंगलवार सुबह हल्के कोहरे की मौजूदगी से हाईवे पर वाहनों को कम परेशानी हुई। हालांकि, कूड़े में आग लगाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जो प्रदूषण के स्तर को बढ़ा रही हैं।
तापमान स्थिर, गिरावट की संभावना नहीं
सोमवार को जिले का अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आगामी एक सप्ताह तक तापमान में कोई खास बदलाव होने की संभावना नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में गिरावट न होने से प्रदूषण का प्रभाव कम नहीं हो रहा है।
वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर प्रभाव
वायु प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे हालात में बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
समस्या का समाधान
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे। इनमें निर्माण कार्यों पर रोक, सड़कों की नियमित सफाई, और कूड़े में आग लगाने जैसी घटनाओं पर कार्रवाई शामिल है। साथ ही, आम जनता को भी निजी वाहनों का कम उपयोग और सार्वजनिक परिवहन का अधिक इस्तेमाल करना चाहिए।
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में स्थिति और अधिक खराब हो सकती है।