उत्तर भारत में जहां गुलाबी ठंड ने दस्तक दी है, वहीं दक्षिण भारत के कई राज्यों में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने केरल, माहे, तमिलनाडु, पुडुचेरी, और कराईकल में भारी बारिश की चेतावनी दी है। IMD ने केरल के पथानामथिट्टा और पलक्कड़ जिलों में रविवार तक के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि तिरुवनंतपुरम, कोट्टायम, कोल्लम, इडुक्की और मलप्पुरम में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
तेज बारिश और हवाओं का दौर
मौसम विभाग का अनुमान है कि इन क्षेत्रों में 24 घंटों के भीतर 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक की बारिश हो सकती है। गरज के साथ बारिश और 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं का भी अनुमान लगाया गया है। विभाग ने कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा के साथ तेज़ हवाओं के कारण विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है, जिससे स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता होगी।
तमिलनाडु और केरल में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना
आईएमडी के अनुसार, तमिलनाडु, केरल और माहे में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। हालांकि, विभाग का अनुमान है कि 1 नवंबर के बाद बारिश में कुछ कमी आ सकती है। भारी बारिश के बाद, इन राज्यों में मौसम में धीरे-धीरे सुधार की संभावना है। लेकिन इस दौरान विभिन्न राज्यों के नागरिकों को सतर्क रहने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
उत्तरी और पूर्वी भारत में तापमान में गिरावट
बारिश का असर केवल दक्षिण भारत तक सीमित नहीं है। मौसम विभाग का मानना है कि दक्षिण भारत में बारिश के कारण उत्तरी और पूर्वी भारत में भी तापमान में गिरावट देखी जा सकती है। 3 से 7 नवंबर के दौरान इन क्षेत्रों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान 2 से 3℃ तक गिर सकता है। ठंड के मौसम की शुरुआत में यह गिरावट खासतौर पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के नागरिकों को महसूस हो सकती है। इस बदलाव का कारण दक्षिण भारत में मौजूद चक्रवात और बंगाल की खाड़ी में उठने वाली हवाएँ हैं, जो तापमान को ठंडा करने में सहायक हैं।
चक्रवात के कारण बारिश का पूर्वानुमान
IMD के अनुसार, मन्नार की खाड़ी में चक्रवात की वजह से भी दक्षिण भारत में भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है। तटीय कर्नाटक, कोंकण, गोवा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल क्षेत्रों में पिछले 24 घंटों में भारी वर्षा दर्ज की गई है। कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि कहीं-कहीं गरज और चमक के साथ भारी बारिश हो सकती है। इस स्थिति को देखते हुए समुद्र तटीय क्षेत्रों के नागरिकों को भी विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
केरल में पिछले दिनों भी हुई थी भारी बारिश
अक्तूबर महीने में भी केरल के कई हिस्सों में भारी बारिश दर्ज की गई थी। लगातार हुई भारी वर्षा के कारण केरल में सड़कों पर जलजमाव हो गया था और यातायात भी बाधित हो गया था। इससे स्थानीय निवासियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। IMD ने 25 अक्तूबर को केरल के आठ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया था, जिसमें तिरुवनंतपुरम, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की और त्रिशूर शामिल थे। दिन के दौरान पथनमथिट्टा, कोल्लम और अलप्पुझा में भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया। इस अलर्ट के बाद, प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी और आपातकालीन सेवाओं को मुस्तैद रखा गया।
प्रशासन की तैयारियाँ और सलाह
बारिश के कारण जनजीवन पर गहरा असर पड़ सकता है। भारी बारिश से बाढ़ का खतरा भी बढ़ सकता है। प्रशासन ने संभावित बाढ़ग्रस्त इलाकों में रेस्क्यू टीमों को तैयार रखा है और स्थानीय लोगों को भी तैयार रहने का निर्देश दिया है। जिन क्षेत्रों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किए गए हैं, वहां के निवासियों को यात्रा के दौरान सतर्क रहने, बिजली के खंभों से दूर रहने और आवश्यक सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही, जिन क्षेत्रों में जलजमाव की संभावना अधिक है, वहाँ के लोगों को जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की तैयारी करने के लिए कहा गया है।
स्वास्थ्य और बुनियादी सेवाओं पर असर
मौसम में बदलाव के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को मानसूनी बीमारियों से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी है। भारी वर्षा के कारण अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है ताकि आपातकालीन स्थितियों में त्वरित सहायता प्रदान की जा सके। इसके अलावा, नागरिकों को इस दौरान साफ पानी और पोषण पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई है।
केरल, तमिलनाडु और अन्य दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश का असर व्यापक हो सकता है। IMD ने चेतावनी दी है कि इन राज्यों में बारिश का दौर कुछ दिनों तक जारी रह सकता है। भारी वर्षा से न केवल तापमान में गिरावट आ सकती है, बल्कि यह स्थानीय जनजीवन को भी प्रभावित कर सकती है। प्रशासन और नागरिकों को सावधानी बरतने और सुरक्षित रहने की आवश्यकता है ताकि किसी भी आपदा से बचा जा सके।