रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका ने लगातार यह दावा किया है कि रूस को उत्तर कोरियाई सैनिकों की मदद मिल रही है। अब अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस मुद्दे पर खुलकर बयान दिया है। उनका कहना है कि लगभग 8,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस के पश्चिमी फ्रंट लाइन कुर्स्क क्षेत्र में तैनात किया गया है और आने वाले दिनों में इन सैनिकों के युद्ध में शामिल होने की संभावना है।
अमेरिका का खुलासा और ‘टू-प्लस-टू’ बैठक
अमेरिकी समाचार एजेंसी योनहाप के अनुसार, यह खुलासा गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में किया गया। इस मौके पर ब्लिंकन के साथ अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन, दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चो टे-यूल, और रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून भी मौजूद थे। वाशिंगटन में हुई इस ‘टू-प्लस-टू’ बैठक में उत्तर कोरिया द्वारा किए गए एक नए अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण पर भी चर्चा हुई। यह परीक्षण अमेरिका में आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले तनाव को और अधिक बढ़ा रहा है।
ब्लिंकन ने इस दौरान कहा कि रूस में कुल 10,000 उत्तर कोरियाई सैनिक तैनात हैं, जिनमें से 8,000 कुर्स्क क्षेत्र में हैं। हालांकि, इन सैनिकों ने अभी तक यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में भाग नहीं लिया है, लेकिन जल्द ही इनके शामिल होने की संभावना है। रूस ने इन सैनिकों को तोपखाने, ड्रोन, और पैदल सेना के बुनियादी प्रशिक्षण में प्रशिक्षित किया है।
उत्तर कोरियाई सैनिकों को चेतावनी
ब्लिंकन ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ये उत्तर कोरियाई सैनिक यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में उतरते हैं, तो उन्हें वैध सैन्य लक्ष्य माना जाएगा। इस बयान का मतलब यह है कि अगर उत्तर कोरियाई सैनिक यूक्रेनी सेना के खिलाफ हथियार उठाते हैं, तो अमेरिका और उसके सहयोगी उन पर जवाबी हमला कर सकते हैं। इसके साथ ही डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की। ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ इन घटनाओं पर करीब से नजर रख रहा है और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति का सामना करने के लिए उचित कदम उठाने को तैयार है।
रूस की स्थिति और उत्तर कोरिया की सहायता
दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून के अनुसार, उत्तर कोरिया ने अब तक रूस को करीब 1,000 मिसाइलें और बड़ी संख्या में गोले भेजे हैं। ब्लिंकन के अनुसार, रूस यूक्रेन के साथ जारी युद्ध में रोजाना लगभग 1,200 सैनिकों की मौत का सामना कर रहा है। ऐसे में अब रूस ने उत्तर कोरियाई सैनिकों की मदद लेने का फैसला किया है। यह रूस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि पिछले 100 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि उसने किसी विदेशी सेना को अपने देश में बुलाया है। ब्लिंकन ने इस घटना को रूस के लिए एक चिंताजनक स्थिति करार दिया और इसे व्लादिमीर पुतिन के लिए कठिन समय का संकेत बताया।
चीन की प्रतिक्रिया का इंतजार
दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्री ने बैठक में कहा कि इस मुद्दे पर चीन “देखो और इंतजार करो” की स्थिति में है। इसका मतलब है कि चीन फिलहाल इस मामले पर सीधे तौर पर हस्तक्षेप नहीं कर रहा है। हालांकि, अगर स्थिति और गंभीर होती है, तो चीन अपनी भूमिका निभा सकता है। चीन की इस प्रतीक्षा नीति को रूस और उत्तर कोरिया के सहयोग से दूरी बनाने का संकेत भी माना जा सकता है।
तनाव बढ़ाने वाले हालात और नये खतरें
रूस द्वारा उत्तर कोरियाई सैनिकों की मदद लेने की स्थिति से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में नया मोड़ आ सकता है। पश्चिमी देशों और अमेरिका ने इस कदम पर चिंता व्यक्त की है। अमेरिका की चेतावनी इस ओर इशारा करती है कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच सहयोग, अगर यूक्रेन के युद्ध में बढ़ता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
ब्लिंकन के अनुसार, रूस और पुतिन के इस कदम से यह साफ हो गया है कि उनकी सेना की स्थिति कमजोर हो रही है और उन्हें अब उत्तर कोरिया जैसे सहयोगियों की जरूरत पड़ रही है। यूक्रेन युद्ध में यह नया मोड़ पश्चिमी देशों और रूस के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।
अमेरिका की चेतावनी के साथ ही यह भी संभावना है कि आने वाले समय में उत्तर कोरिया के साथ कूटनीतिक संबंधों को लेकर नए कदम उठाए जा सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह एक अहम मुद्दा बन सकता है क्योंकि उत्तर कोरियाई सैनिकों की यूक्रेन युद्ध में भूमिका कई देशों की सुरक्षा नीति और उनके सहयोगी संबंधों को प्रभावित कर सकती है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते रूस की मदद के लिए उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती, अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए चिंता का विषय बन गई है। ब्लिंकन की चेतावनी और अमेरिका की कड़ी नजर इस ओर इशारा कर रही है कि यदि उत्तर कोरियाई सैनिक युद्ध में शामिल होते हैं, तो यह नया मोड़ युद्ध को और अधिक जटिल बना सकता है।
अमेरिका की ओर से दी गई चेतावनी, अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर गहरा असर डाल सकती है और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और कूटनीतिक विवाद बढ़ सकते हैं।