भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अमेरिका ने गहरा शोक जताया और भारत के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। अमेरिकी प्रशासन ने डॉ. सिंह को भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक बताया और उनके योगदान की सराहना की। अमेरिका ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच पिछले दो दशकों में जो कुछ हासिल हुआ है, उसकी नींव डॉ. सिंह ने ही रखी थी।
डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत और अमेरिका के बीच 2008 में असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। यह समझौता न केवल भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम था, बल्कि इसने दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया।
अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु समझौता: एक ऐतिहासिक पहल
2005 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच बातचीत के बाद भारत और अमेरिका ने असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग पर सहमति व्यक्त की। इसके तहत भारत को उन्नत परमाणु तकनीक, ईंधन और उपकरणों तक पहुंच मिली। यह समझौता भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि इससे पहले भारत को अपने परमाणु कार्यक्रम के कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कई प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा था।
डॉ. सिंह ने 19 जुलाई 2005 को अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए परमाणु अप्रसार के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा था कि यह समझौता न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है।
2008 में जब इस समझौते पर अंतिम रूप दिया गया, तब इसे भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में मील का पत्थर माना गया। इसने उच्च प्रौद्योगिकी, परमाणु अनुसंधान और रक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग का नया अध्याय खोला।
भारत-अमेरिका संबंधों में डॉ. सिंह का योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच न केवल आर्थिक बल्कि रणनीतिक स्तर पर भी संबंध मजबूत हुए। उन्होंने अमेरिका के साथ साझेदारी को बढ़ावा देते हुए दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के नए अवसर खोले। इस दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि में तेजी आई और वैश्विक मंच पर उसकी स्थिति मजबूत हुई।
अमेरिकी प्रशासन ने अपने बयान में कहा कि डॉ. सिंह को उनके आर्थिक सुधारों के लिए भी याद किया जाएगा, जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया और उसे नई ऊंचाई पर पहुंचाया। उनके नेतृत्व में भारत ने विदेशी निवेश, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की।
अमेरिका की श्रद्धांजलि
अमेरिका ने डॉ. सिंह के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए कहा कि वह हमेशा उनके समर्पण और भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाने के उनके प्रयासों को याद रखेगा। अमेरिकी प्रशासन ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह की नीतियों और नेतृत्व ने दोनों देशों को एक साथ लाने का काम किया।
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से भारत और अमेरिका दोनों ने एक दूरदर्शी नेता और सच्चे राजनयिक को खो दिया है। उनके योगदान को इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।