ईरान पर अमेरिका का बड़ा हमला: वॉर रूम में मौजूद थे ट्रंप, तीन परमाणु ठिकाने तबाह

रविवार सुबह पूरी दुनिया की नजरें उस समय अमेरिका और ईरान पर टिक गईं, जब अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर जबरदस्त हवाई हमला किया। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद वॉर रूम में मौजूद थे और हर पल की निगरानी कर रहे थे। उनके साथ उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी थे।
वॉर रूम से चला ऑपरेशन
व्हाइट हाउस की ओर से जानकारी दी गई कि ऑपरेशन के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप वॉर रूम से सभी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखे हुए थे। उन्होंने ईरान पर की गई इस एयरस्ट्राइक को अमेरिका की “सटीक और रणनीतिक” कार्रवाई बताया।
ट्रंप का बयान: “फोर्डो अब खत्म हो चुका है”
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए बताया कि अमेरिकी सेना ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान जैसे तीन बड़े परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। उन्होंने लिखा, “सभी अमेरिकी विमान अब ईरानी हवाई सीमा से बाहर सुरक्षित लौट चुके हैं। सबसे ज्यादा बम फोर्डो साइट पर गिराए गए, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम का अहम केंद्र था। अब वह खत्म हो चुका है।”
अमेरिका की सेना की सराहना
राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी सेना की तारीफ करते हुए कहा, “हमारे बहादुर सैनिकों ने फिर से साबित कर दिया कि दुनिया में उनसे बेहतर कोई नहीं। यह एक बेहतरीन सैन्य सफलता है। अब समय है शांति का।” हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि यदि ईरान ने फिर उकसावे की कोशिश की तो अमेरिका और भी कड़ी प्रतिक्रिया देगा।
इजरायल के साथ तालमेल
ट्रंप ने इस ऑपरेशन को सफल बनाने में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नेतन्याहू को धन्यवाद देता हूं। हमने एक टीम की तरह काम किया और इजरायल के सामने खड़े खतरे को कम करने की दिशा में मिलकर प्रभावी कदम उठाया है।”
ईरान की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस हमले के बाद अभी तक ईरान की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, ईरान की परमाणु एजेंसी ने पहले बयान में यह जरूर कहा था कि उनके ठिकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और परमाणु कार्यक्रम जारी रहेगा। इस बयान के बाद अमेरिकी हमले ने हालात और गंभीर कर दिए हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में होंगे और खुलासे
राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कि पेंटागन की ओर से रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी, जिसमें इस पूरे सैन्य अभियान के तकनीकी पहलुओं और आगे की रणनीति पर जानकारी दी जाएगी।
अमेरिका का यह कदम पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश है। यह सिर्फ ईरान को ही नहीं, बल्कि उन सभी देशों को चेतावनी है जो अंतरराष्ट्रीय नियमों को नजरअंदाज करते हुए हथियारों की होड़ में लगे हैं। अब देखना होगा कि ईरान इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या यह टकराव एक बड़े संघर्ष की ओर बढ़ता है या बातचीत की कोई राह निकलती है।