
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी प्रस्तावित यूरोप यात्रा रद्द कर दी है। यह जानकारी बुधवार को आधिकारिक सूत्रों द्वारा दी गई। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा 13 मई से 17 मई तक तय की गई थी, जिसमें वे क्रोएशिया, नॉर्वे और नीदरलैंड का दौरा करने वाले थे। इस दौरान उन्हें नॉर्वे में आयोजित होने वाले नॉर्डिक सम्मेलन में भी हिस्सा लेना था।
सूत्रों के अनुसार, मौजूदा सुरक्षा हालात को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। संबंधित देशों को इस फैसले की जानकारी दे दी गई है और भारत सरकार ने उनके सहयोग और समझ के लिए आभार जताया है। इस यात्रा को काफी अहम माना जा रहा था क्योंकि इसका उद्देश्य भारत-यूरोप संबंधों को और मजबूत बनाना था, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए इसे स्थगित करना पड़ा।
गौरतलब है कि मंगलवार देर रात भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर बड़ी एयरस्ट्राइक की थी। इस “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के कुल 9 आतंकी ठिकानों को मिसाइल हमलों से तबाह किया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद से जुड़े ठिकाने भी शामिल थे।
भारतीय वायु सेना ने कोटली, मुज़फ्फराबाद और बहावलपुर जैसे इलाकों में सटीक मिसाइल हमले किए। बताया जा रहा है कि इन हमलों में कई शीर्ष आतंकी मारे गए हैं और पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों को तगड़ा झटका लगा है।
प्रधानमंत्री की यात्रा रद्द करना इस बात का संकेत है कि भारत मौजूदा हालात को लेकर गंभीर है और किसी भी संभावित प्रतिक्रिया या सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। वहीं, इस फैसले को लेकर जनता और रक्षा विशेषज्ञों ने भी समर्थन जताया है। उनका कहना है कि इस समय भारत को अपनी सीमाओं की सुरक्षा और आतंकी गतिविधियों पर रोक लगाने पर ही पूरा ध्यान देना चाहिए।
यह फैसला न केवल भारत की प्राथमिकताओं को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सरकार किसी भी खतरे को हल्के में नहीं ले रही है। देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।