पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति (एस.सी.) के छात्रों की पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप फॉर एस.सी. स्टूडेंट्स स्कीम के तहत वर्ष 2024-25 के बजट से 92 करोड़ रुपए की राशि जारी की है। इसके अतिरिक्त, 2024-25 के छात्रों की स्कॉलरशिप के लिए 245.00 करोड़ रुपए रखे गए हैं। यह जानकारी सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज पंजाब भवन, चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।
मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार ने वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक की बकाया राशि के लिए वर्ष 2023-24 में 366.00 करोड़ रुपए जारी किए थे, जिनमें से 1008 संस्थानों को 283.62 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसके अलावा, सरकारी संस्थानों और पंजाब राज्य के ऐसे छात्र जो अन्य राज्यों के संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं, को भी 92.00 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। इस राशि में से 256 संस्थानों को 59.34 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं और बाकी संस्थानों को भी जल्दी ही राशि का वितरण किया जाएगा।
डॉ. बलजीत कौर ने यह भी बताया कि वर्ष 2023-24 के छात्रों के लिए 229.23 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई थी, जबकि 2024-25 के छात्रों के लिए 245.00 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अनुसूचित जाति के छात्रों को उनकी पढ़ाई के लिए समय पर वित्तीय सहायता मिले और उनके भविष्य के रास्ते में कोई रुकावट न आए।
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वर्ष 2017 से 2020 तक इस स्कीम के तहत जारी की जाने वाली राशि न तो केंद्र सरकार ने दी और न ही उस समय की पंजाब सरकार ने प्रदान की, जिससे कई छात्रों की डिग्रियां रुक गई थीं। इससे छात्रों के भविष्य को गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ था। डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सत्ता में आने के बाद से इस दिशा में हर संभव प्रयास किया है ताकि छात्रों की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए।
कैबिनेट मंत्री ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह जल्द से जल्द स्कॉलरशिप स्कीम के तहत अपना बकाया हिस्सा जारी करे ताकि पंजाब के अनुसूचित जाति के छात्रों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 में लगभग 2 लाख 31 हजार नए छात्रों ने स्कॉलरशिप के लिए पंजीकरण कराया है।
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने विभिन्न सरकारी संस्थानों को इस राशि का सही तरीके से वितरण सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। यह विभाग सुनिश्चित करेगा कि यह राशि छात्रों की पढ़ाई में सहायक हो और इसका सही उपयोग हो।
डॉ. बलजीत कौर ने इस मौके पर कहा कि शिक्षा सामाजिक बदलाव का सबसे प्रभावी उपकरण है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी छात्र आर्थिक कारणों से अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर न हो। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार अनुसूचित जाति के छात्रों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में सर्वोत्तम अवसर प्रदान करने के लिए लगातार काम कर रही है।
मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के तहत अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए कई अहम कदम उठाए हैं, जो छात्रों की पढ़ाई में रुचि बढ़ाने और उनकी वित्तीय समस्याओं को दूर करने में मदद करेंगे। साथ ही, सरकार अनुसूचित जाति के छात्रों के सामाजिक और आर्थिक जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग के निदेशक श्री संदीप हंस और उप निदेशक श्री रविंदरपाल सिंह संधू भी उपस्थित थे।