
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह हमला तब हुआ जब बड़ी संख्या में लोग छुट्टियां मनाने कश्मीर आए हुए थे। आतंकियों ने अचानक एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर हमला कर दिया, जिसमें 30 से ज्यादा लोगों की जान जाने की आशंका है। मारे गए लोगों में अधिकतर पर्यटक थे, जबकि कई अन्य घायल हो गए हैं।
हमले की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को कश्मीर घाटी में पूरी तरह से बंद का आह्वान किया गया। यह पिछले 35 वर्षों में पहली बार है जब कश्मीर पूरी तरह बंद रहा। इस बंद को राजनीतिक दलों, कारोबारी संगठनों और आम जनता का भरपूर समर्थन मिला।
पूरा कश्मीर ठप
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर समेत घाटी के लगभग सभी इलाकों में दुकानें, पेट्रोल पंप, शैक्षणिक संस्थान और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और सार्वजनिक परिवहन भी लगभग ठप रहा। हालांकि निजी वाहन सामान्य रूप से चलते रहे। घाटी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, खासकर पर्यटन स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
देशभर में नाराज़गी
हमले के बाद देशभर में आक्रोश का माहौल है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोग इस बर्बर हमले की कड़ी निंदा कर रहे हैं। घाटी में कई जगहों पर लोगों ने शांति मार्च और विरोध प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों ने निर्दोष लोगों की हत्या को मानवता के खिलाफ अपराध बताया और ऐसे हमलों को तुरंत रोकने की मांग की।
कारोबारी संगठन भी उतरे समर्थन में
कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी बशीर अहमद कोंगपोश ने कहा, “हम इस हमले की सख्त निंदा करते हैं। इस्लाम इस तरह की हरकतों की इजाजत नहीं देता। कश्मीर एक खूबसूरत जगह है और पर्यटकों पर ऐसा हमला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे यहां आने वाले मेहमानों के साथ ऐसा होगा।”
राजनीतिक दलों ने भी जताया दुख
जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (JKNC) ने लोगों से बंद को सफल बनाने की अपील की। पार्टी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों को मिलकर इस आतंकवादी घटना के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। वहीं, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने भी हमले की कड़ी आलोचना की और पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता दिखाई। उन्होंने इसे “हम सब पर हमला” बताया।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का भी समर्थन
ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक ने भी लोगों से बंद का समर्थन करने की अपील की और इस “घिनौने अपराध” के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने को कहा।
सर्च ऑपरेशन जारी
हमले के बाद सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहलगाम के बेसरान क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। सुरक्षाबल इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि हमले के पीछे कौन लोग थे और वे कहां छिपे हो सकते हैं।
पहलगाम हमले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि आतंकवाद अभी भी बड़ा खतरा बना हुआ है, लेकिन देश और घाटी की जनता एकजुट होकर इसका सामना करने को तैयार है।