पंजाब में महिला सशक्तिकरण और लिंग समानता को लेकर किए जा रहे प्रयासों की भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सराहना की है। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के अंतर्गत पंजाब सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने दी।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि वर्ष 2014-15 में राज्य का लिंगानुपात 918 था, जो 2023-24 में बढ़कर 930 हो गया है। यह बदलाव राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों का परिणाम है। इसके अलावा, संस्थागत प्रसव दर 61% से बढ़कर 97.3% हो चुकी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने लिंगानुपात में सुधार और लड़कियों के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं।
‘धी अनमोल दात’ पहल की केंद्रीय स्तर पर सराहना
फरीदकोट जिले की अनूठी पहल ‘धी अनमोल दात’ की केंद्रीय मंत्री ने विशेष रूप से सराहना की। इस पहल में लड़कियों के जन्म पर पारंपरिक ‘सरींह रस्म’ आयोजित की जाती है, जो पहले केवल लड़कों के जन्म पर होती थी। नवजात बच्चियों के परिवार अपने मुख्य द्वारों पर नीम या सरींह के पत्ते लगाते हैं और बच्चियों के पैरों के निशान को संजोते हैं।
गांवों में नवजात बच्चियों के जन्म दिवस को उत्सव की तरह मनाया जाता है, जहां मिठाई बांटी जाती है, गीत गाए जाते हैं और गिद्दा किया जाता है। इस अवसर पर बच्चियों को बेबी कंबल और ग्रूमिंग किट उपहार में दी जाती हैं। साथ ही उनके माता-पिता को बच्चियों के पैरों के निशान भेंट किए जाते हैं।
महिलाओं की आत्मनिर्भरता के लिए कदम
पंजाब सरकार ने महिलाओं और लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। होशियारपुर जिले में 120 लड़कियों के लिए निःशुल्क ड्राइविंग कक्षाएं आयोजित की गईं। इसका उद्देश्य लड़कियों के आत्मविश्वास को बढ़ाना और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना है।
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि लिंग आधारित रूढ़ियों को तोड़ने और महिलाओं को सशक्त बनाने के इन प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना गर्व का विषय है।
समाज में बदलाव लाने की प्रतिबद्धता
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत पंजाब सरकार का मुख्य उद्देश्य लड़कियों के प्रति समाज की मानसिकता बदलना और भेदभाव को समाप्त करना है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर लड़की को समान अवसर और सम्मान मिले।
डॉ. बलजीत कौर ने समाज से आह्वान किया कि वे इन पहलों का हिस्सा बनें और लिंग समानता को बढ़ावा देने में योगदान दें। पंजाब सरकार के ये प्रयास न केवल लड़कियों को सशक्त बना रहे हैं बल्कि सामाजिक सोच में बड़ा बदलाव भी ला रहे हैं।