
मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देशों के तहत पंजाब में चल रही ‘युद्ध नशों के विरुद्ध’ मुहिम लगातार तेज़ी पकड़ रही है। इसी अभियान के 41वें दिन, पंजाब पुलिस ने गुरुवार को नशा तस्करी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 84 तस्करों को गिरफ़्तार किया है। इन तस्करों के पास से पुलिस ने 2.5 किलो हेरोइन, 86 किलो भुक्की (नशे में प्रयोग होने वाला पदार्थ) और करीब 70,400 रुपये की ड्रग मनी जब्त की है।
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव के निर्देशों पर यह कार्रवाई राज्य के सभी 28 जिलों में एक साथ की गई। इस दौरान पुलिस की 200 से ज्यादा टीमें बनाई गईं, जिनमें 1200 से अधिक पुलिस कर्मी शामिल थे। इन टीमों की निगरानी 86 उच्च अधिकारी कर रहे थे। पूरे दिन चली इस विशेष मुहिम में राज्यभर में 452 जगहों पर छापेमारी की गई।
विशेष डीजीपी (कानून व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने 49 एफआईआर दर्ज कीं और 482 संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ भी की। उन्होंने बताया कि यह अभियान सिर्फ गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य सरकार की तीन स्तरों वाली रणनीति के तहत चलाया जा रहा है — Enforcement (कार्रवाई), De-addiction (नशा मुक्ति) और Prevention (रोकथाम), जिसे शॉर्ट फॉर्म में ई.डी.पी. कहा गया है।
इस रणनीति के तहत पंजाब पुलिस ने नशा छोड़ने और पुनर्वास के लिए दो व्यक्तियों को प्रेरित भी किया है, ताकि उन्हें एक नया जीवन दिया जा सके। पुलिस का उद्देश्य सिर्फ तस्करों को पकड़ना नहीं, बल्कि नशे की चपेट में आए युवाओं को दोबारा मुख्यधारा में लाना भी है।
सिर्फ सड़क पर ही नहीं, बल्कि जेलों में भी नशे और गैर-कानूनी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पंजाब पुलिस ने छह जिलों की जेलों — बठिंडा, मानसा, बरनाला, पटियाला, संगरूर और एसएएस नगर — में तलाशी अभियान चलाया। डीजीपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि पुलिस टीमों ने जेल परिसर के हर कोने को गहराई से खंगाला, ताकि अंदर चल रही किसी भी अवैध गतिविधि पर रोक लगाई जा सके।
पंजाब सरकार और पुलिस की यह कोशिश बताती है कि नशे के खिलाफ उनकी लड़ाई सिर्फ एक औपचारिक अभियान नहीं, बल्कि एक गंभीर और योजनाबद्ध प्रयास है। यह सिर्फ अपराधियों को पकड़ने की नहीं, बल्कि समाज को सुरक्षित और स्वस्थ बनाने की मुहिम है।
हर दिन की गई ऐसी कार्रवाइयों से साफ है कि पंजाब सरकार अब नशे को जड़ से खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है, और जनता को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। नशे से मुक्त पंजाब का सपना अब सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि हकीकत बनता नजर आ रहा है।