
पंजाब में नशे के खिलाफ छेड़े गए अभियान को एक नया मोड़ देते हुए नवांशहर से ‘नशा मुक्ति यात्रा’ की शुरुआत की गई। इस मौके पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ी भावुकता और दृढ़ता से जनता को संबोधित किया।
उन्होंने बताया कि जब उनकी सरकार ने पंजाब में नशे के खिलाफ मुहिम शुरू की थी, तब कई लोगों ने उन्हें चेतावनी दी थी कि यह बेहद खतरनाक काम है और उनकी जान भी जा सकती है। लेकिन, उन्होंने वादा किया था कि “हम नशा खत्म करके ही दम लेंगे, चाहे जान रहे या न रहे।”
“तस्करों की कोठियों पर चल रहे बुलडोज़र”
केजरीवाल ने कहा कि नशा बेचने वाले तस्करों ने अवैध रूप से करोड़ों की कोठियां बना ली थीं, लेकिन अब उन पर बुलडोज़र चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई लोग भावुक होकर कह रहे हैं कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि ऐसा भी दिन आएगा जब नशा तस्करों के घर गिरा दिए जाएंगे और एक ऐसी सरकार आएगी जो सच में बदलाव लाएगी।
3 करोड़ लोगों की भागीदारी से बनेगा आंदोलन
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि पंजाब के 3 करोड़ लोग एकजुट हों, और यदि सभी साथ आ गए तो नशा खत्म करना कोई मुश्किल काम नहीं रहेगा। उन्होंने ‘नशा मुक्ति यात्रा’ को एक जन आंदोलन बनाने का ऐलान किया।
केजरीवाल ने बताया कि अगले डेढ़ महीने में 13 हजार गांवों और शहरों के हर वार्ड में जाकर लोगों से संवाद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार नशे के खिलाफ सिर्फ प्रशासनिक काम नहीं कर रही, बल्कि अब यह लड़ाई जनता के साथ मिलकर लड़ी जाएगी।
जनता से लिए गए चार अहम वादे
इस यात्रा की शुरुआत में केजरीवाल ने लोगों से चार वादे करवाए जो इस अभियान की आत्मा होंगे:
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मैं नशा नहीं करूंगा – हर व्यक्ति को ये संकल्प लेना होगा कि वह खुद नशा नहीं करेगा और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेगा।
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अपने इलाके में नशा नहीं बिकने दूंगा – हर नागरिक अपने गांव या मोहल्ले में निगरानी रखेगा कि कहीं कोई नशा न बेचे।
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नशा तस्करों की सिफारिश नहीं करूंगा – यदि कोई नशा बेचते हुए पकड़ा जाए, तो उसकी जमानत या सिफारिश कोई नहीं करेगा, चाहे वह करीबी ही क्यों न हो।
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नशा पीड़ितों की मदद करूंगा – नशे की लत से जूझ रहे लोगों को छुड़ाने में समाज को सहयोग करना होगा। इसके लिए राज्यभर में ओट क्लीनिक और नशा मुक्ति केंद्र खोले गए हैं, जहां मुफ्त इलाज की सुविधा है।
नशे को खत्म करने की मुहिम को मिलेगा जन समर्थन
इस अभियान को लोगों से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। हर वर्ग – युवा, बुज़ुर्ग, महिलाएं – इस लड़ाई में साथ आ रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब को नशे से मुक्त करवाने के लिए यह जन आंदोलन ही सबसे बड़ा हथियार है।
अब देखना होगा कि यह यात्रा नशे के खिलाफ चल रही लड़ाई में कितना असर डालती है, लेकिन एक बात साफ है – पंजाब अब बदलाव के रास्ते पर निकल पड़ा है।