
दिल्ली में गर्मी का असर बढ़ने के साथ ही बिजली संकट भी गहराने लगा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है और सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के ज़रिए मौजूदा हालात पर सवाल उठाए हैं।
केजरीवाल ने बताया कि कल दिल्ली की पीक डिमांड 5462 मेगावाट रही, लेकिन इतनी मांग के बावजूद कई इलाकों में घंटों तक बिजली नहीं थी। उन्होंने बताया कि पिछले साल गर्मी के दिनों में दिल्ली की पीक डिमांड 8500 मेगावाट तक पहुंच गई थी, तब भी बिजली की सप्लाई लगातार बनी रही थी।
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर आने वाले दिनों में जब गर्मी और बढ़ेगी और बिजली की डिमांड भी 8000 मेगावाट से ऊपर पहुंच जाएगी, तो दिल्ली की जनता क्या करेगी?
बिजली व्यवस्था को लेकर जताई नाराजगी
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने बीते 10 सालों में दिल्ली की बिजली व्यवस्था को बड़ी मेहनत से दुरुस्त किया था। बिना किसी पावर कट के 24 घंटे बिजली देना उनकी सरकार की उपलब्धियों में से एक रहा है।
उन्होंने कहा,
“कहते हैं कि किसी चीज़ को सही करने में सालों लग जाते हैं, लेकिन उसे खराब करने में सिर्फ दो दिन लगते हैं।“
क्या आने वाले दिन मुश्किल भरे होंगे?
गर्मी अभी शुरू हुई है और जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, एसी, कूलर और पंखों की मांग बढ़ेगी, जिससे बिजली की खपत भी तेज़ी से बढ़ेगी। केजरीवाल का कहना है कि अगर अभी से बिजली कटौती शुरू हो गई है, तो आने वाले हफ्तों में स्थिति और बिगड़ सकती है।
दिल्ली के लोग जहां राहत की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं सरकार और बिजली विभाग के लिए यह एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। अब देखना होगा कि इस समस्या को कैसे हल किया जाता है, ताकि दिल्ली की जनता गर्मी में बिना बिजली के न जूझे।