दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, यमुना के पानी की गुणवत्ता को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच घमासान छिड़ गया है। दोनों दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार (30 जनवरी) को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना के पानी के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं पर कड़ी टिप्पणी की।
अरविंद केजरीवाल ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में हरियाणा से यमुना के माध्यम से पानी आता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह पानी अत्यधिक जहरीला हो गया है। उनका कहना था कि इस पानी का अमोनिया स्तर बढ़कर 7 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) तक पहुंच गया है, जो अत्यधिक खतरनाक है और इससे लोगों की मौत तक हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि इस पानी को शुद्ध करने के लिए दिल्ली सरकार की जल आपूर्ति प्रणाली पर काफी दबाव पड़ा है।
केजरीवाल ने आगे कहा, “जब अमोनिया का स्तर बढ़ने लगा, तब पार्टी की नेता आतिशी ने बार-बार नायब सिंह सैनी को फोन किया और उनसे इस स्तर को घटाने के लिए कहा, लेकिन नायब सैनी ने कोई कार्रवाई नहीं की और अंततः उन्होंने फोन उठाना भी बंद कर दिया।” उनका कहना था कि जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और पानी का स्तर 7 तक पहुंच गया, तो आतिशी को यह मुद्दा सार्वजनिक रूप से उठाना पड़ा।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पानी का ट्रीटमेंट प्लांट खतरनाक स्थितियों से जूझ रहा है, जहां अमोनिया और क्लोरीन का मिलाजुला मिश्रण डेडली साबित हो सकता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के नेता और अन्य विपक्षी दलों के नेता इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इसके बावजूद, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह किसी भी धमकी से डरने वाले नहीं हैं और जब तक जिंदा हैं, दिल्लीवासियों को जहरीला पानी नहीं पीने देंगे।
इसके बाद, केजरीवाल ने एक और चुनौती दी और कहा, “जब नायब सैनी ने कल नौटंकी करते हुए पानी पीने की कोशिश की और फिर उसे फेंक दिया, तो हम अमित शाह, वीरेंद्र सचदेवा, राहुल गांधी और नायब सैनी को जहरीला पानी भेज रहे हैं। वे इसे पीकर दिखाएं, फिर हम मान लेंगे कि हमने जो आरोप लगाए थे, वह गलत थे।”
अरविंद केजरीवाल की यह टिप्पणी बीजेपी और कांग्रेस नेताओं को कटघरे में खड़ा कर रही है और यमुना के पानी को लेकर सियासी घमासान को और भी तीव्र कर रही है। विपक्षी दलों की ओर से इस मुद्दे पर जवाबी हमले की संभावना जताई जा रही है। वहीं, आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को चुनावी फायदे के रूप में इस्तेमाल कर सकती है, खासकर जब चुनाव नजदीक हों।
यह विवाद केवल दिल्ली के पानी की गुणवत्ता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक गहरे राजनीतिक संघर्ष की गूंज सुनाई दे रही है। इस घमासान के केंद्र में यमुना का पानी है, जो अब दिल्ली के सियासी तापमान को बढ़ा रहा है।