दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल जीत दर्ज करने के लिए चुनावी वादों की होड़ में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बड़ा चुनावी वादा किया है। उन्होंने दिल्लीवासियों से वादा किया है कि आने वाले पांच सालों में वह दिल्ली से बेरोजगारी को खत्म कर देंगे।
बेरोजगारी दूर करना प्राथमिकता
अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “आज सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है। इसकी वजह से लाखों परिवार दुखी और पीड़ित हैं। इसलिए हमने तय किया है कि अगले पांच सालों में हमारी सबसे टॉप प्राथमिकता दिल्ली से बेरोजगारी को खत्म करना होगी।” उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अन्य सभी क्षेत्रों में भी काम करती रहेगी, लेकिन बेरोजगारी से लड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
रोजगार के लिए तैयार हो रही है योजना
केजरीवाल ने कहा, “बेरोजगारी खत्म करने के लिए हमारी टीम पहले से ही काम कर रही है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली के युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मिलें।” उन्होंने बताया कि इस काम के लिए उन्होंने आप की अनुभवी टीम को जिम्मेदारी सौंपी है।
कौन कर रहा है काम?
इस योजना पर काम करने वाली टीम में आतिशी, मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, राघव चड्डा और सौरभ भारद्वाज जैसे नेताओं को शामिल किया गया है। केजरीवाल ने कहा, “हमारे विशेषज्ञ टीम यह देख रही है कि किस तरह से युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिल सकते हैं। हम इस पर एक ठोस प्लानिंग कर रहे हैं।”
दिल्ली को बनाएंगे ‘रोजगार का केंद्र’
केजरीवाल ने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार दिल्ली को ‘रोजगार का केंद्र’ बनाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए बड़े स्तर पर अवसर पैदा किए जाएंगे। इसके लिए नई तकनीकों, व्यापार और उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
पिछले कामों का दिया हवाला
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने अपनी सरकार के पिछले कार्यों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है। अब अगला कदम रोजगार को बढ़ावा देना होगा।
चुनाव में बड़ा मुद्दा बनेगी बेरोजगारी
अरविंद केजरीवाल का यह वादा आगामी चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है। बेरोजगारी आज देश की एक गंभीर समस्या है, और इस पर ध्यान देने का उनका वादा दिल्ली के युवाओं को आकर्षित कर सकता है।
अरविंद केजरीवाल के इस वादे ने चुनावी चर्चा को और तेज कर दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या जनता इस वादे पर भरोसा करके आम आदमी पार्टी को एक बार फिर से दिल्ली की सत्ता सौंपेगी।