
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में नशे के खिलाफ अपनी सरकार की मुहिम को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में अब नशे के बड़े सप्लायर्स पर सीधा वार किया जाएगा।
नशे के खिलाफ AAP सरकार की कड़ी कार्रवाई
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “हमारी सरकार ने पंजाब में नशे के खिलाफ जबरदस्त युद्ध छेड़ा हुआ है।” अब सरकार की अगली योजना बड़े नशा सप्लायर्स और तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की है।
उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस, अकाली दल और बीजेपी की सरकारों के दौरान पंजाब को “उड़ता पंजाब” के नाम से बदनाम कर दिया गया था। लेकिन अब लोग मिलकर “बदलता पंजाब” बना रहे हैं। उनका कहना है कि AAP सरकार का लक्ष्य पंजाब को नशामुक्त बनाना है।
जब केजरीवाल ने कांग्रेस और बीजेपी की तुलना ब्रिटिश हुकूमत से की
कुछ दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने “एक शाम शहीदों के नाम” कार्यक्रम में कांग्रेस और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “हमारे आदर्श भगत सिंह और बाबासाहेब अंबेडकर हैं। भगत सिंह कहते थे कि सिर्फ अंग्रेजों को हटाने से कुछ नहीं होगा, हमें समाज की सोच भी बदलनी होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो अपने ही लोग अंग्रेजों की जगह ले लेंगे।”
केजरीवाल का कहना है कि आज भारत में वही हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें जनता के हक की लड़ाई नहीं लड़ रही हैं, बल्कि सत्ता में बने रहने के लिए काम कर रही हैं।
जेल में लिखे गए पत्र को सेंसर करने का आरोप
अरविंद केजरीवाल ने यह भी खुलासा किया कि जब वे जेल में थे, तब उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने 15 अगस्त पर मंत्री आतिशी को तिरंगा फहराने की अनुमति देने की अपील की थी।
लेकिन उनका दावा है कि LG को वह पत्र कभी सौंपा ही नहीं गया। उन्होंने यह भी कहा कि भगत सिंह के जेल में लिखे गए कई पत्रों को भी अंग्रेजों ने सेंसर किया था, और उन्हें जनता तक पहुंचने ही नहीं दिया गया था।
केजरीवाल के बयान का असर
अरविंद केजरीवाल के इन बयानों को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। जहां AAP समर्थकों ने उनके बयान का समर्थन किया, वहीं विपक्षी पार्टियों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
केजरीवाल की यह घोषणाएं पंजाब की राजनीति में क्या बदलाव लाएंगी, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन इतना साफ है कि AAP सरकार अब नशे के खिलाफ और भी कड़े कदम उठाने जा रही है।