आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को पत्र लिखकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हालिया टिप्पणियों पर गंभीर आपत्ति जताई है। केजरीवाल ने पत्र में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे अपमानजनक और अस्वीकार्य बताया है।
केजरीवाल ने पत्र में क्या लिखा?
केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा, “आदरणीय नीतीश कुमार जी, यह पत्र एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर है, जो हमारे संविधान और बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिष्ठा से जुड़ा है। हाल ही में संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘अंबेडकर-अंबेडकर बोलना आजकल फैशन बन गया है।’ यह बयान न केवल अपमानजनक है, बल्कि बीजेपी की संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रति वास्तविक सोच को उजागर करता है।”
अमित शाह और पीएम मोदी पर निशाना
अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में अमित शाह के बयान को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि इस बयान से देशभर में करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने लिखा, “बाबासाहेब अंबेडकर, जिन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय ने ‘डॉक्टर ऑफ लॉज’ से सम्मानित किया था और जिन्होंने समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान का निर्माण किया, उनके प्रति ऐसा बयान देना असंवेदनशील है।”
केजरीवाल ने आगे कहा कि अमित शाह ने इस बयान पर माफी मांगने की बजाय इसे उचित ठहराया, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से उनका समर्थन कर देश के करोड़ों लोगों की भावनाओं को और आहत किया। उन्होंने इसे ‘जले पर नमक छिड़कने’ जैसा बताया।
बीजेपी को समर्थन न देने की अपील
अरविंद केजरीवाल ने पत्र के अंत में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू से अपील की कि अंबेडकर को चाहने वाला कोई भी व्यक्ति अब बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकता। उन्होंने लिखा, “बाबासाहेब केवल एक नेता नहीं थे, बल्कि हमारे देश की आत्मा हैं। उनके विचार और उनके आदर्श हमारे संविधान और देश की नींव हैं। बीजेपी के नेताओं के इस तरह के बयानों के बाद लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और बीजेपी को समर्थन न दें।”
चंद्रबाबू नायडू को भी लिखा पत्र
केजरीवाल ने नीतीश कुमार के साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को भी ऐसा ही पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा, “यह समय है कि हम सब मिलकर बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों और उनके योगदान की रक्षा करें।”
राजनीतिक सरगर्मी तेज
अरविंद केजरीवाल के इस कदम को बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर के प्रति बीजेपी के कथित ‘असम्मान’ को मुद्दा बनाकर विपक्ष को एकजुट करने की पहल की है।
अरविंद केजरीवाल का यह पत्र न केवल अंबेडकर के प्रति सम्मान व्यक्त करता है, बल्कि बीजेपी पर उनके विचारों और संविधान को लेकर सवाल खड़े करता है। उन्होंने इस पत्र के जरिए नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू से बीजेपी को समर्थन न देने की अपील की है। केजरीवाल का यह कदम राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण है और विपक्ष की रणनीतियों को नई दिशा दे सकता है।