दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर एक बार फिर हमला हुआ है। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। केजरीवाल ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर इस घटना की जानकारी दी।
हरिनगर में जनसभा के दौरान हमला
अरविंद केजरीवाल ने पोस्ट कर बताया कि गुरुवार को हरिनगर में उनकी जनसभा के दौरान विपक्षी उम्मीदवार के समर्थकों को पुलिस ने सभा में घुसने दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों ने उनकी गाड़ी पर हमला किया। केजरीवाल ने सीधे तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर हमला करते हुए कहा कि यह सब उनके आदेश पर हो रहा है।
दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप
केजरीवाल ने दावा किया कि अमित शाह ने दिल्ली पुलिस को बीजेपी की “निजी सेना” बना दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर रही है और उनके विरोधियों को संरक्षण दे रही है।
चुनाव आयोग पर सवाल
केजरीवाल ने चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख और उनके नेताओं पर बार-बार हमले हो रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग कोई प्रभावी कदम उठाने में नाकाम साबित हो रहा है।
सुरक्षा में कमी का मुद्दा
पंजाब पुलिस द्वारा दी गई अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा वापस ले ली गई है। यह फैसला दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग के निर्देश पर लिया गया। इस पर केजरीवाल ने चिंता जताते हुए कहा कि उन्हें और उनकी पार्टी को जानबूझकर खतरे में डाला जा रहा है।
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने भी केजरीवाल की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को लेकर सुरक्षा इनपुट्स हैं, जिन्हें जिम्मेदार एजेंसियों के साथ साझा किया जा रहा है। पंजाब पुलिस लगातार दिल्ली पुलिस से संपर्क में है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।
राजनीतिक हलचल तेज
यह घटना दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान हुई है, जिससे राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर हमला तेज कर दिया है और इसे चुनावी साजिश करार दिया है। वहीं, बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।
अरविंद केजरीवाल पर हमले की यह घटना सुरक्षा और निष्पक्षता को लेकर नए सवाल खड़े कर रही है। जहां एक ओर उनकी पार्टी ने इसे साजिश बताया है, वहीं विपक्ष ने इन आरोपों को खारिज किया है। यह देखना होगा कि पुलिस और चुनाव आयोग इस मामले पर क्या कदम उठाते हैं।