
अटारी बाज़ार की दुकानों के निर्माण को लेकर विधायक रमन अरोड़ा का एक ऑडियो कॉल सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। यह ऑडियो 41 सेकंड लंबा है, जिसमें रमन अरोड़ा किसी से यह कहते सुने जा रहे हैं कि “सामान” यानी पैसे समय पर नहीं आए हैं। इस बातचीत से यह संकेत मिलता है कि निर्माण कार्य को लेकर रिश्वत ली जा रही थी।
दुकान मालिक ने इस मामले में दो ऑडियो रिकॉर्डिंग अदालत में पेश की हैं और इसके साथ धारा 164 के तहत बयान भी दर्ज करवाए हैं। यह मामला अब और भी पेचीदा होता जा रहा है क्योंकि रमन अरोड़ा से जुड़े और भी पुराने मामले बाहर आ रहे हैं।
एक बड़ा आरोप यह भी है कि जब केंद्र सरकार ने प्लास्टिक की थैलियों पर रोक लगाई थी, तब अरोड़ा ने गुड़ मंडी में दुकानदारों से मिलकर एक जाल बिछाया। बताया जा रहा है कि उन्होंने छुपकर वहां रेड करवाई और फिर दुकानदारों को छुड़वाने के लिए लाखों रुपये की डील की। इसके बाद हर महीने “फीस” लेकर उन्हें यह भरोसा दिलाया कि अगर कोई कार्रवाई हुई, तो वे बचा लेंगे।
इतना ही नहीं, रामा मंडी में नशे का धंधा करने वाले एक व्यक्ति बंटी से भी हर महीने पैसा लेकर विधायक तक पहुंचाया जाता था। आरोप हैं कि पुलिस थानों के एसएचओ और स्टाफ विधायक की दखलअंदाजी से काफी परेशान थे। अगर वे नियम के अनुसार काम करते थे तो विधायक धमकाता था, और अगर विधायक की बात मानते थे, तो कानून का डर बना रहता था।
अब जब यह मामले बाहर आए हैं, तो कई थाना इंचार्जों ने राहत की सांस ली है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या इतने समय तक यह सब ऐसे ही चलता रहा? कई एसएचओ सिर्फ अपनी ट्रांसफर रुकवाने या बदनामी से बचने के लिए विधायक की बात मानते रहे, जिससे पुलिस विभाग की छवि पर असर पड़ा और कमाई विधायक करता रहा।
यह मामला अब कानून के दरवाज़े तक पहुंच चुका है, और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द सच्चाई सामने आएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।