Auto News: ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FADA) देश में वाहन बिक्री के आंकड़ों पर नजर रखता है। कारों की बिक्री में हर महीने थोड़ी उतार-चढ़ाव होता है। इसी बीच एक आश्चर्यजनक आंकड़ा सामने आया है। इस आंकड़े से पता चलता है कि देश की सड़कों पर चल रही कारों में से लगभग 40 प्रतिशत कार सफेद रंग की हैं। अगर आपको इस आंकड़े से चौंकने का मानों, क्योंकि बाजार में कई रंगों की वाहने मिलती हैं, तो यह जान लें कि लोगों की इस पीछे की पसंद काफी पुरानी है। भारत में अधिकतर लोग सफेद रंग की कारों को अपनी पहली पसंद मानते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण हैं।
सफाई के कारण
अधिकतर भारतीय सफेद रंग की कारों को अपनी पहली पसंद बनाते हैं। इसके पीछे कई कारण हैं, सफेद रंग की कारें आसानी से साफ होती हैं। वास्तव में, अन्य रंगों की कारों पर मिट्टी को साफ करने में बहुत मेहनत लगती है। इसी तरह, भारतीय सड़कों पर अधिक मिट्टी और धूल का होना भी एक बड़ा कारण है।
जलवायु का प्रभाव
आपको यह बात तो पता ही होगा कि भारत में गर्मी अधिक होती है। इसी कारण, देश का जलवायु भी एक बड़ा कारण है। गर्मी के कारण साल भर में अधिकतम, लोग सफेद रंग की कारें पसंद करते हैं। सफेद रंग की कारें गर्मी और तेज सूर्य को गाड़ी में प्रवेश नहीं करने देती हैं। इसके कारण, गाड़ी और लंबे समय तक ठंडी रहती है।
सांस्कृतिक महत्व
देश में सफेद कारों की अधिक बिक्री के पीछे एक मुख्य कारण सांस्कृतिक महत्व है। वास्तव में, सफेद रंग पवित्रता और सरलता का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, सफेद रंग प्रसन्नता को भी बढ़ाता है। यही कारण है कि अधिकतर लोग सफेद रंग की कारों को अपनी पहली पसंद बनाते हैं।
उच्च पुनर्विक्रय मूल्य
बाजार में कई रंगों की कारें होती हैं, लेकिन सफेद रंग की कारों का पुनर्विक्रय मूल्य अन्य रंगों की कारों से अधिक होता है। जब कोई व्यक्ति एक सफेद रंग की कार बेचता है, तो उसे अधिक मूल्य मिलता है। सफेद रंग की कार की मांग अधिक होने के कारण, इसकी विक्रय में भी अधिकता होती है।