Auto Taxi Strike: राजधानी में ऐप-आधारित ऑटो और टैक्सी चालक दो दिन की हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल में 15 से अधिक ऑटो और टैक्सी यूनियनें शामिल हैं। हड़ताल के पहले दिन, गुरुवार को, यात्रियों को ऐप-आधारित ऑटो और टैक्सी चालकों की हड़ताल के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हड़ताल का सबसे ज्यादा असर राजधानी के रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर देखा गया। यह हड़ताल आज, यानी शुक्रवार को भी जारी रहेगी। ऐसे में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
बेहतर भुगतान की मांग पर हड़ताल
ऑटो और टैक्सी चालक कैब एग्रीगेटर सेवाओं से बेहतर भुगतान की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि कंपनियां उनसे ज्यादा कमीशन ले रही हैं। ई-रिक्शा चालकों के कारण भी उन्हें नुकसान हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार को इसे रोकना चाहिए। वहीं, राजधानी में बहुत कम ऑटो-टैक्सी यात्रियों को ले जाते हुए देखे गए। इस दौरान किराया भी मनमाना वसूला गया। जो ऑटो-टैक्सी चालक हड़ताल में शामिल नहीं हुए थे, उन्हें धमकाया गया और यात्रियों को छोड़ने के लिए कहा गया।
जीविका पर पड़ रहा है असर
हड़ताल कर रहे ऑटो और टैक्सी संगठनों के अधिकारियों ने कहा कि अपर्याप्त भुगतान और एग्रीगेटर कंपनियों द्वारा बाइक टैक्सी सेवाओं की शुरुआत के कारण उनकी जीविका प्रभावित हो रही है। दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन (DATTCU) के अध्यक्ष किशन वर्मा ने दावा किया कि राजधानी की सड़कों से 80 प्रतिशत ऑटोरिक्शा और टैक्सी गायब हैं। जंतर मंतर पर भी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं, कैब चालक आदर्श तिवारी ने कहा कि कंपनियां हमें हमारी सेवाओं के लिए बहुत कम भुगतान करती हैं। इससे हमें वाहन की किश्त और अन्य खर्चों को पूरा करने में कठिनाई हो रही है।
बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध की मांग
हड़ताल कर रहे संगठनों के अधिकारियों ने कहा कि सरकार को बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। हड़ताल के दौरान महिपालपुर, नजफगढ़, यमुना पार क्षेत्र में कुछ घटनाएं हुईं, लेकिन इन घटनाओं से संगठन के लोगों का कोई लेना-देना नहीं है। कुछ असामाजिक तत्व प्रदर्शन का फायदा उठाकर बाधाएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, दिल्ली ऑटो रिक्शा यूनियन के महासचिव राजेंद्र सोनी ने आरोप लगाया कि चालकों को धमकाया जा रहा है। उनका संगठन हड़ताल का हिस्सा नहीं है। चालकों को रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों के बाहर धमकाया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई शिकायतें
निशांत ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि वह पिछले 30 मिनट से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास एक कैब बुक करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बुकिंग नहीं हो रही है। विनोद सोनी ने ‘X’ पर लिखा कि जब वह सुबह कनॉट प्लेस स्थित अपने कार्यस्थल पर जाने के लिए एक ऑटो रिक्शा में सवार थे, तब कई ऑटो चालकों ने उन्हें रोक दिया और हड़ताल का हवाला देकर उन्हें जाने नहीं दिया।