अयोध्या में इस बार की दिवाली का नज़ारा बेहद खास है, क्योंकि यह पहली दिवाली है जब राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भगवान राम अपने जन्मस्थान पर प्रतिष्ठित हैं। अयोध्या का यह ऐतिहासिक दृश्य दिवाली के मौके पर लाखों दीयों से जगमग हो रहा है, जो हर किसी का मन मोह लेता है।
अयोध्या में चारों ओर अद्भुत नज़ारे देखने को मिल रहे हैं। कहीं लेज़र लाइटों का आकर्षक प्रदर्शन हो रहा है, तो कहीं सुंदर रंगोलियां बनाई गई हैं, जो दिवाली के उत्सव को और भी भव्य बना रही हैं। इस खास मौके पर अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन किया गया है, जिसमें लाखों दीये जलाकर भगवान राम की नगरी को रोशन किया गया है।
रामलला के इस भव्य उत्सव को खास बनाने के लिए उनके लिए विशेष पोशाक तैयार की गई है। पहली दिवाली पर रामलला को पीले रंग के रेशमी कपड़ों में सजाया गया है। पीले रंग की इस पोशाक पर सोने और चांदी की तारों से विशेष कढ़ाई की गई है, जो भगवान राम को दिवाली के दिन और भी आकर्षक बना रहा है। पीला रंग शुभता का प्रतीक माना जाता है और रेशमी कपड़े भी पूजनीय माने जाते हैं, इसलिए रामलला के लिए पीले रेशमी कपड़े का चयन किया गया है।
रामलला को केवल कपड़ों से ही नहीं बल्कि कई तरह के आभूषणों और माला से भी सजाया गया है। उनके इस शृंगार में विभिन्न प्रकार के आभूषण शामिल हैं, जो विशेष रूप से इस अवसर के लिए तैयार किए गए हैं। इस दिवाली रामलला के इन पारंपरिक और शाही आभूषणों ने अयोध्या में दिवाली के उत्सव को और भी पवित्र बना दिया है।
उत्तर प्रदेश के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भगवान राम 500 साल बाद अपने जन्मस्थान पर प्रतिष्ठित हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार दीपोत्सव मनाया जा रहा है। इस अवसर को और भी भव्य बनाने के लिए सरकार ने बड़े स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया है।
अयोध्या में दिवाली पर किए गए इन आयोजन में लोगों की अपार भीड़ उमड़ी है। श्रद्धालु देशभर से इस शुभ अवसर पर अयोध्या पहुंचे हैं, ताकि वे इस अद्वितीय दिवाली का हिस्सा बन सकें। अयोध्या का यह दीपोत्सव न केवल धार्मिक उत्साह को प्रकट करता है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा, और आस्था का एक सुंदर प्रतीक भी है।