पंजाब में 21 दिसंबर को होने वाली नगर निगम और नगर कौंसिल चुनावों के मद्देनज़र राज्य सरकार ने ‘ड्राई डे’ का ऐलान किया है। इस दिन पूरे राज्य में शराब की बिक्री पर रोक रहेगी। चुनावों को लेकर सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है। पंजाब में पांच नगर निगमों और 41 नगर कौंसिलों में चुनाव हो रहे हैं, जिनके कारण यह फैसला लिया गया है।
चुनावों के दौरान शराब की बिक्री पर रोक लगाने का उद्देश्य मतदाताओं को किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचाना है। इसके अलावा, चुनावी क्षेत्रों में जनरल हॉलिडे भी घोषित किए गए हैं, जिससे मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।
चुनाव में मतदान सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक होगा और उसी दिन वोटों की गिनती भी की जाएगी। पंजाब राज्य चुनाव आयोग ने 8 दिसंबर को चुनावों की घोषणा की थी, और 14 दिसंबर तक नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव प्रचार भी शुरू हो गया था।
पार्टी की स्थिति
इस चुनाव में प्रमुख विपक्षी दलों के बीच जोरदार मुकाबला हो रहा है। शिरोमणि अकाली दल ने इन चुनावों में हिस्सा लिया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि पिछले कुछ उपचुनावों में भाजपा के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। आम आदमी पार्टी (AAP) भी अपने उम्मीदवारों के साथ मैदान में है और यह पहली बार है कि भगवंत मान की पार्टी ने अकाली दल के बिना चुनाव लड़ा है।
राज्य के महत्वपूर्ण नगर निगम क्षेत्रों जैसे अमृतसर, जालंधर, लुधियाणा, फगवाड़ा और पटियाला में खास राजनीतिक तनाव देखने को मिल रहा है, क्योंकि इन शहरों में चुनावी माहौल काफी गर्म है। इन चुनावों को लेकर सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
मतदाताओं का आंकड़ा
इन चुनावों में कुल 37,32,636 मतदाता अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे, जिसमें 19,55,888 पुरुष, 17,76,544 महिलाएं और 204 अन्य मतदाता शामिल हैं। इन चुनावों में नगर निगम के 381 वार्डों और नगर कौंसिल/नगर पंचायत के 598 वार्डों के लिए वोट डाले जाएंगे।
इसके अलावा, पंजाब राज्य चुनाव आयोग द्वारा चुनावी प्रक्रिया में शामिल किए गए 23 हजार अधिकारी और कर्मचारियों को चुनावी कार्यों में तैनात किया गया है। राज्यभर में कुल 1,609 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जिनमें 3,809 पोलिंग बूथ शामिल हैं।
चुनाव में कुल 3,336 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 4947 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था, जिनमें से 439 नामांकन रद्द किए गए थे और 1,172 उम्मीदवारों ने नामांकन वापस ले लिया।
इन चुनावों को लेकर राज्य सरकार और चुनाव आयोग दोनों ने पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं, ताकि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो सके और किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके।