
बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने शनिवार को एक अहम बयान दिया। उन्होंने साफ कहा कि अगर कोई भारतीय नागरिक बांग्लादेश में अवैध रूप से रह रहा है, तो उसे सही कूटनीतिक माध्यमों से भारत वापस भेजा जाएगा। यह बात उन्होंने बांग्लादेश के सतखीरा जिले में तीसरी अस्थायी सीमा चौकी के उद्घाटन के बाद कही।
जहांगीर आलम ने यह भी कहा कि बांग्लादेश, भारत की तरह दबाव बनाने की राजनीति में विश्वास नहीं करता, बल्कि कूटनीति के जरिए सभी मुद्दों को हल करने में यकीन रखता है। उन्होंने यह दोहराया कि बांग्लादेश हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानूनों और समझौतों का पालन करता आया है और आगे भी करेगा।
विदेश मंत्रालय ने भारत को भेजा पत्र
बांग्लादेश सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर भारत को पहले ही एक पत्र भेजा है। विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन और रोहिंग्या मामलों पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार खलीलुर रहमान इस विषय पर भारत से संवाद कर रहे हैं। बांग्लादेश ने भारत को यह जानकारी दी है कि अगर कोई बांग्लादेशी नागरिक भारत में अवैध रूप से रह रहा है, तो उसे भी उचित कूटनीतिक प्रक्रिया के जरिए वापस भेजा जाना चाहिए।
ठीक इसी तरह, अगर कोई भारतीय नागरिक बांग्लादेश में बिना वैध दस्तावेजों के पाया जाता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और फिर औपचारिक रूप से भारत भेजा जाएगा।
बॉर्डर पर घुसपैठ न करने की अपील
जहांगीर आलम चौधरी ने बताया कि उन्होंने भारतीय पक्ष से भी अपील की है कि वे सीमा पार कर किसी तरह की घुसपैठ न करें। अगर किसी को वापस भेजना है तो औपचारिक प्रत्यावर्तन प्रक्रिया के तहत करें। उन्होंने दावा किया कि शुक्रवार को ब्राह्मणबरिया सीमा पर कुछ लोगों को भारत की ओर से बांग्लादेश में घुसाने की कोशिश की गई थी, लेकिन बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (BGB), अंसार बलों और स्थानीय लोगों की मदद से उस प्रयास को नाकाम कर दिया गया।
उन्होंने स्थानीय नागरिकों से सतर्क और संगठित रहने की अपील की ताकि इस तरह के प्रयासों को समय रहते रोका जा सके।
भारत में भी चल रहा है अभियान
बांग्लादेश की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब भारत कई राज्यों – जैसे महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात में अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त अभियान चला रहा है। पुलिस द्वारा चलाए जा रहे इन अभियानों में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है, जिन्हें कानूनी प्रक्रिया पूरी कर वापस उनके देश भेजा जा रहा है।
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि दोनों देश अवैध प्रवास और सीमा सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं और कूटनीतिक ढंग से इसे सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।