आज भाई दूज का पर्व पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के पवित्र और गहरे रिश्ते को और अधिक मजबूत बनाने का अवसर है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को रोली और अक्षत से तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य, और सुखी जीवन की कामना करती हैं। भाई दूज का पर्व रक्षाबंधन के बाद भाई-बहन के प्रेम और स्नेह को बढ़ावा देने वाला दूसरा महत्वपूर्ण त्योहार है।
इस साल भाई दूज का शुभ मुहूर्त: कार्तिक मास द्वितीया तिथि का आरंभ 2 नवंबर 2024 को रात 8:22 बजे हो जाएगा और यह 3 नवंबर को रात 10:06 बजे तक रहेगा। उदयातिथि के अनुसार भाई दूज का त्योहार इस साल 3 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 11:39 बजे तक सौभाग्य योग रहेगा, जिसके बाद शोभन योग का आरंभ होगा। शोभन योग को भी शुभ कार्यों के लिए अत्यंत उत्तम माना जाता है। इस योग में किए गए कार्यों से शुभ फल प्राप्त होते हैं। पूजा के लिए सबसे उत्तम समय सुबह 11:45 बजे तक रहेगा।
भाई दूज पर तिलक का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 बजे से लेकर 3:22 बजे तक रहेगा, जिसमें कुल 2 घंटे 12 मिनट का समय मिलेगा। इस दौरान बहनें अपने भाइयों का तिलक कर उन्हें आशीर्वाद देंगी और उनसे अपना आशीर्वाद प्राप्त करेंगी। इस पावन तिथि में भाई को तिलक लगाना और उसकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
भाई दूज पर बनने वाले शुभ योग: इस साल भाई दूज पर शुभ योगों का संयोग बन रहा है, जिसमें सौभाग्य और शोभन योग के साथ अनुराधा नक्षत्र, बालव करण और कौलव करण भी मौजूद रहेंगे। ज्योतिषियों के अनुसार, इन संयोगों में तिलक करने से भाई-बहन के रिश्तों में मिठास और विश्वास बना रहता है, और भाई के लिए सौभाग्य के द्वार खुलते हैं। इस विशेष संयोग में तिलक करने से जीवन में सकारात्मकता और शांति का संचार होता है।
पूजा विधि और थाली सजाने की सामग्री: भाई दूज के अवसर पर पूजा की थाली को विशेष रूप से सजाने का महत्व है। थाली में रोली, अक्षत (चावल), चंदन, सुपारी, लाल कलावा, भगवान गणेश