
पंजाब और हरियाणा के बीच भाखड़ा नहर से अतिरिक्त पानी देने को लेकर जारी विवाद अब और गहरा गया है। पंजाब सरकार ने इस मामले को गंभीर मानते हुए 5 मई को विधानसभा का विशेष सत्र बुला लिया है। इस विशेष सत्र में केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के हालिया फैसलों के खिलाफ प्रस्ताव लाए जाने की पूरी संभावना है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुलाई अहम बैठक
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस फैसले से पहले विधायकों और मंत्रियों के साथ एक बैठक की, जिसमें पानी के मुद्दे पर चर्चा की गई। भगवंत मान ने साफ कहा कि विधानसभा के इस विशेष सत्र में पंजाब के जल संसाधनों की रक्षा के लिए ठोस कदमों पर चर्चा होगी। उनका मानना है कि यह सिर्फ एक राजनीतिक मसला नहीं, बल्कि पंजाब की जीवन रेखा से जुड़ा मुद्दा है।
आम आदमी पार्टी का केंद्र सरकार पर हमला
आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री अमन अरोड़ा ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने केंद्र पर पंजाब के प्राकृतिक संसाधनों से बार-बार विश्वासघात और शोषण का आरोप लगाया। अरोड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझ कर पंजाब को उसका जायज हक नहीं दे रही।
बीजेपी नेताओं को दी सीधी चुनौती
अमन अरोड़ा ने पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़, केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, तरुण चुघ, और कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीधे तौर पर ललकारा। उन्होंने इन नेताओं से पूछा कि वे साफ करें कि वे पंजाब की भलाई के साथ खड़े हैं या फिर भाजपा के प्रति अपनी वफादारी निभा रहे हैं। अरोड़ा का कहना है कि पंजाब के हितों पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा, चाहे सामने कोई भी राजनीतिक ताकत क्यों न हो।
विशेष सत्र में होंगे बड़े फैसले?
5 मई को बुलाया गया विशेष सत्र अब पूरे राज्य की नजरों में है। इस दौरान बीबीएमबी द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के फैसले पर भी गंभीर सवाल उठाए जाएंगे। संभावना है कि विधानसभा में एक निंदा प्रस्ताव पारित किया जाए और केंद्र को स्पष्ट संदेश दिया जाए कि पंजाब जबरदस्ती बर्दाश्त नहीं करेगा।
यह मसला अब सिर्फ दो राज्यों का नहीं, बल्कि संविधान, अधिकार और प्राकृतिक संसाधनों की निष्पक्षता का भी बनता जा रहा है। देखना दिलचस्प होगा कि इस सत्र में क्या ठोस निर्णय लिए जाते हैं और आगे यह विवाद किस दिशा में जाता है।