बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो कथित तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अगले साल के चुनाव में एनडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में समर्थन की कमी से असंतुष्ट माने जा रहे हैं, को बुधवार को केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह से एक चौंकाने वाली सिफारिश मिली। गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की वकालत की।
बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि वह एनडीए में वापस आने के बाद से मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार के प्रदर्शन से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाली सरकारों के शासन के बीच के अंतर को समझें। गिरिराज सिंह के इस बयान ने सबको चौंका दिया है क्योंकि वह पहले नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना करते रहे हैं।
नीतीश के शासन की तारीफ
गिरिराज सिंह ने कहा, “बिहार एक समय जंगलराज के लिए बदनाम था, जहां जर्जर सड़कें, स्कूल और अन्य संस्थान प्रदेश की पहचान थे। लेकिन नीतीश कुमार ने राज्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। ऐसे लोगों को भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जाना चाहिए।” उन्होंने यह बयान अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया।
गिरिराज सिंह का यह बयान उस वक्त आया है जब बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार और एनडीए के बीच संबंधों पर अटकलें लगाई जा रही हैं। यह सिफारिश कई लोगों द्वारा नीतीश को शांत करने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।
नवीन पटनायक का भी नाम लिया
गिरिराज सिंह ने सिर्फ नीतीश कुमार की ही नहीं बल्कि ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि पटनायक ने भी अपने कार्यकाल के दौरान ओडिशा को बेहतर बनाया और वह भी भारत रत्न के हकदार हैं।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और आश्चर्यजनक बयान
गिरिराज सिंह का यह बयान इसलिए भी खास है क्योंकि वह पहले नीतीश कुमार की नीतियों और उनके फैसलों की मुखर आलोचना करते रहे हैं। बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच राजनीतिक खींचतान के बीच यह बयान एक नई राजनीतिक दिशा की ओर इशारा करता है।
विशेषज्ञ इसे भाजपा और नीतीश कुमार के बीच संबंध सुधारने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। गिरिराज सिंह के इस बयान ने बिहार की राजनीति में एक नई चर्चा को जन्म दे दिया है।
भारत रत्न पर सियासी बहस
भारत रत्न को लेकर राजनीतिक हलकों में अक्सर चर्चाएं होती रहती हैं। गिरिराज सिंह द्वारा नीतीश कुमार और नवीन पटनायक का नाम लेने से यह स्पष्ट हो गया है कि आगामी चुनावों को लेकर बीजेपी अपनी रणनीति में लचीलापन ला रही है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार और जदयू इस बयान को कैसे लेते हैं और क्या यह उनकी नाराजगी को कम करने में सफल होगा। वहीं, विपक्ष भी गिरिराज सिंह के इस बयान पर प्रतिक्रिया देने में पीछे नहीं रहेगा।
गिरिराज सिंह का यह बयान न सिर्फ बिहार बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियां बटोर रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि बीजेपी और नीतीश कुमार के संबंध इस बयान के बाद किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।