
पंजाब सरकार के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य को सुरक्षित और अपराध मुक्त बनाने के प्रयास लगातार जारी हैं। इसी कड़ी में बटाला पुलिस ने अमेरिका में बैठे गैंगस्टर गुरदेव जस्सल द्वारा चलाए जा रहे बड़े रंगदारी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक बटाला में तैनात सहायक उप-निरीक्षक (ASI) सुरजीत सिंह भी शामिल है। इस कार्रवाई में पुलिस ने 83 लाख रुपये की रंगदारी की रकम, अवैध हथियार और लग्जरी गाड़ियाँ बरामद की हैं। पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
कैसे चला यह रंगदारी गिरोह?
DGP ने बताया कि गैंगस्टर गुरदेव जस्सल और उसके गुर्गे विदेशी नंबरों के जरिए व्यापारियों को धमकाते थे और फिरौती की रकम इधर-उधर घुमा कर वसूलते थे। शुरुआती जांच से पता चला है कि 4 फरवरी को जस्सल के साथियों ने गुरदासपुर जिले के कलानौर कस्बे में एक पेट्रोल पंप पर फायरिंग की। उनका मकसद पेट्रोल पंप मालिक को डराना और रंगदारी की रकम वसूलना था। लगातार धमकियों और 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने के बाद, पीड़ित व्यापारी ने आखिरकार 11 फरवरी को 50 लाख रुपये दे दिए।
ASI सुरजीत सिंह की संलिप्तता
जांच में सामने आया कि इस पूरी रंगदारी की रकम इकट्ठा करने और बांटने का काम ASI सुरजीत सिंह और आरोपी अंकुश मैनी ने किया। इसके बाद पंजाब सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 311(2) के तहत ASI सुरजीत सिंह को बर्खास्त कर दिया।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
बटाला के सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) सुहैल कासिम मीर ने बताया कि कुछ समय पहले पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली कि एक स्थानीय पुलिस अधिकारी (ASI) रंगदारी के पैसे को मैनेज कर रहा है। इसके बाद पुलिस ने ऑपरेशन शुरू किया और ASI सुरजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसके घर में भारी मात्रा में रकम छिपी हुई है। जब पुलिस ने बटाला के हरनाम नगर स्थित उसके घर पर छापा मारा, तो वहां छुपाए गए 76.32 लाख रुपये बरामद हुए।
गिरफ्तारी के बाद ASI ने सफाई दी कि यह पैसा उसके अमेरिका में रहने वाले बेटे ने भेजा है, लेकिन तकनीकी जांच में यह बात झूठी निकली।
अंकुश मैनी भी गिरफ्तार
ASI के पैसे देने वाले व्यक्ति का भी पुलिस ने पता लगाया और आरोपी अंकुश मैनी को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि अंकुश गैंगस्टर गुरदेव जस्सल का करीबी सहयोगी है और उसने ही यह रंगदारी की रकम ASI को सौंपी थी। अंकुश के पास से पुलिस ने 5.91 लाख रुपये, एक .32 बोर पिस्टल और दो कारतूस बरामद किए। इसके अलावा, उसकी ब्लैक महिंद्रा स्कॉर्पियो (PB-11-CU-1000) भी जब्त कर ली गई।
ASI के बेटे भी गैंगस्टर के संपर्क में
जांच में यह भी सामने आया कि ASI सुरजीत सिंह के दोनों बेटे भी गैंगस्टर गुरदेव जस्सल के संपर्क में थे। वे रंगदारी के पैसों को गैंगस्टर तक पहुंचाने का काम करते थे और इसके बदले कमीशन लेते थे। इस रकम का इस्तेमाल ASI ने दो प्लॉट खरीदने और एक नई टोयोटा फॉर्च्यूनर लग्जरी कार लेने में किया। पुलिस ने टोयोटा फॉर्च्यूनर को भी जब्त कर लिया।
मामला दर्ज, आगे की जांच जारी
पुलिस ने इस मामले में FIR नंबर 14 दिनांक 14/02/2025 को थाना सदर बटाला में दर्ज की। पहले यह मामला भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा 13(2) के तहत दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 308(2), 111 और 61(2) तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 25 भी इसमें जोड़ी गई।
पुलिस अब इस नेटवर्क की पूरी कड़ियों को जोड़ने में लगी हुई है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि कौन-कौन से लोग इस गिरोह का हिस्सा हैं। इस सफलता के बाद पंजाब पुलिस का अगला कदम गैंगस्टर गुरदेव जस्सल को पकड़ना और इस गिरोह को पूरी तरह खत्म करना होगा।
यह कार्रवाई पंजाब पुलिस की तेजी और सख्ती को दर्शाती है। सरकार की कोशिश है कि पंजाब को सुरक्षित बनाया जाए और अपराधियों को कड़ी सजा मिले। इस ऑपरेशन में ASI स्तर के पुलिस अधिकारी की संलिप्तता ने चौकाने वाला सच उजागर किया, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी और मेहनत से यह बड़ा गिरोह बेनकाब हो गया। आने वाले समय में पंजाब सरकार और पुलिस ऐसे अपराधों पर और भी सख्त कार्रवाई करेगी ताकि प्रदेश में शांति और सुरक्षा बनी रहे।